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जख्म खाए होगें

जिंदा हो जुल्मों सितम देखकर घबराते हो।
चिल्लाचिल्ला कर मूर्दे जिस्म को जगाते हो।

आज कौवों गिद्धों की बारात आई है।
कहीं से गदर होने की खबर आई हैं।

सुहागिन शहर फिर से वेवा हो जाएगा।
सच्च फिर से मोहताजे झूठ हो जाएगा।

तेरी चुप्पी से जाहिर है दर्दे मुहब्बत तेरी।
आंखें भी बंदकर लो भेद ना खुल जाए।

रोशनी लाने वाले कई बार जख्म खाए होगे।
अपने जख्मेेेेेेेेेेेेेेेेेेजीगर को जमाने से छुपाए होगे।

जख्म खाकर भी जो अंधेरो से टकराए होगे।
टूटते बिखरते देख सब उनपर मुस्कराए होगे।

हुए होगे वो दर्द की हद तक जख्मी।
तब कहीं जाकर वो रोशनी लाए होगे।


रोशनी लाए होगें

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