ऐसा पहली बार हुआ मैं डर गई अपनी परछाई से। जब देखा खेलते उनको खिलौने छोड़ जज्बातों से। दर्द से डरती नहीं हूं डरती जख्म नई एक खाने से। कितनी अन…
Read moreबाहर पसरा हुआ है सन्नाटा , अंदर भरा हुआ है गुब्बार । कल तक तो पास-पास थे रहते ,आज हमारे बीच दिवार। आई कैसे हैं ये दूरी तेरे- मेरे दरम्यान । धरती…
Read moreकोरोना नाम बन गया है आतंक का , आज सभी जगह इसका आंतक दिखाई दे रहा है। करोना के आतंक से लोग भयभीत हैं। आखिर है कौन ? कोरोना यह मानव का दुश्मन बन के…
Read moreजानबूझकर किया गया या फिर यह मात्र विडंमना है। पुरुषों की भोग वस्तु होती बस केवल वाला है। पगड़ी, टोपी, कमीज, पतलून या फिर दौलत, शोहरत हो। उन्नति,…
Read moreना जाने क्या छप जाए कल अखबार में। बस एक हादसा हुआ है बीच बाजार में। ना जाने कौन सा हो मेरा आखरी सफर। सांसे रुक जाएगी ना जाने किस डगर। गम मिली …
Read moreजब तलक हम जाति धर्म के जंजीरों में कैद है। हम वो पक्षी है जो पंख रहते उड़ने से मजबूर हैं। आप अपने आपको एक दीपक बनाकर देखिए। पिंजरे के पक्षी को आ…
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