छोड़ बांसुरी अब कान्हा सुदर्शन चक्र उठाने होंगे। फिर से कन्हैया तुमको अब धरती पर आने होंगे। मुंह पर चिकनी चुपड़ी बातें। पीठ पर घाव खंजर से करते। घर-घ…
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