पैर में पड़ी बेड़ियों का अब अस्त्र बनाया जाए। खुद चलकर अपने वजूद को तलाशा जाए। चरित्र जब पवित्र है गगन भी कांप जाएगा। तू आरती की लौ बनी तो भूचाल आ जा…
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