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बेलपत्र के हजारों आयुर्वेदिक फायदे

बेल का पेड़ हमारे लिए फल ही नहीं देता है इसके पत्ते, जड़,फल बीज सभी लाभदायक हैं।
प्रकृति में बहुत सारे पेड़ पौधे ऐसे हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक हैं । बहुत सारी बीमारियों का इसमें इलाज छुपा हुआ है। आवश्यकता है हमें उनकी जानकारी प्राप्त करने की और उसे लाभ उठाने की। 
इनमें से एक पौधा है जिसे हम लोग बेल के नाम से जानते हैं। इसके फल के शरबत बनते हैं हमारे पेट के लिए काफी लाभदायक होते हैं। 
आज मैं इसी पौधे के बारे में आपसे चर्चा करने वाली हूं। यहां आप देखेंगे बीमारियों के साथ उसके उपयोग करने के तरीके को।
(१) सर्दी खांसी का जुकाम बुखार या पुराने से पुराने खांसी कफ वाली - इन सारी परेशानियों में आपको बेल के पत्ते 78 लेने हैं उस का काढ़ा बना लेना है। सुबह-शाम दोनों समय सेवन करें।
(२) मुंह के छाले - मुंह में छाले आ जाए खाने में परेशानी हो इसमें भी आप बेल के पत्ते का उपयोग कर सकते हैं। आपको बेल के पत्ते को चबाकर उसके रस को मुंह में चारों तरफ घुमानी है और पत्ते को आप खा भी सकते हैं।
(३) पेट में कीड़ा - अक्सर छोटे बच्चे के पेट में कीड़े हो जाते हैं। आप बेल के पत्ते का रस निकालने और बच्चे को मिश्री मिला कर दे तो कीड़े समाप्त हो जाएंगे।
(४) दस्त - दस्त यानी पते पर खाने में भी बेल का पत्ता लाभदायक है इसमें भी आपको पत्ते का रस लेना है।
(५) खून साफ - हमारा ब्लड साफ ना हो अनेकों बीमारियों का सामना करना पड़ता है। हमारे ब्लड को साफ करने का रामबाण दवा है। इसमें आपको कुछ नहीं करनी है बेल के पत्ते को चबाकर रोजाना खानी है, धीरे-धीरे आपका ब्लड साफ हो जाएगा।
(६) खुजली - त्वचा रोग में खुजली अधिक देखने को मिलता है। अगर आपको त्वचा में किसी भी तरह की परेशानी हो या खुजली हो तो आपको बेल का पत्ता पीसकर उसमें जीरा पाउडर मिलाकर जीरा पाउडर मिलाकर सेवन करनी है।
(७) बाल झड़ना- बाल झड़ने की शिकायत अक्सर महिलाओं और पुरुषों में अधिक दिखाई देती है। पुरुषों को तो यह गंजा बनाकर छोड़ दी है। अगर आप शुरू में ही पकड़ लेते हैं तो आप बेल के पत्ते की सहायता से झड़ने से बाल को रोक सकते हैं। जिनके भी बाल झड़ते हो वह हर रोज 2 पत्ते का चबाकर सेवन किया करें। आपको लंबे समय तक करने होंगे।
(८) पेट की बीमारियां- आपके पेट में हर एक तरह की परेशानी में लाभदायक है यह बेल का पौधा।
आपको करनी क्या है ? बेल के फल का पका हुआ पीला वाला हिस्सा ले। 100 ग्राम पीला वाला हिस्सा सुखाकर पाउडर बना लें, 50 ग्राम सौंफ भुज ले उसका पाउडर बना ले। दोनों को आपस में मिला दें एक-एक चम्मच सवेरे शाम पानी के साथ लिया करें। आपके पेट की हर एक परेशानी चाहे वह कब्जियत हो या अनपढ़ हो या पेट खराब रहता हो सब में यह काफी फायदेमंद होगा।
साथ ही जिन को बवासीर की शिकायत हो उनको भी लाभ होगा।
(९) कान में दर्द परेशानी - कान में अगर दर्द रहता हो या किसी तरह की परेशानी हो। आप बेल के पत्ते को कूट लें करू तेल में उसको अच्छी तरह से पका ले। ठंडा होने के बाद दो-तीन बूंद कान में डालें तो आपको राहत मिलेगी।
(१०) श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर- जी ने श्वेत प्रदर या रक्त प्रदर की परेशानी हो वह बल के चार पांच पत्ते को पीसकर घोलकर मिश्री के साथ शरबत बनाकर यदि लेते हैं तो उन्हें इस परेशानी से छुटकारा मिल जाएगी।

( ११) मैं इस बात की चर्चा आपसे करने जा रही हूं कि आज इंटरनेट के जमाने में बच्चों से कुछ भी छुपा हुआ नहीं है। 
10 में से एक अभी आपको इस तरह के मिल जाएंगे जो यौन जनित बीमारियों से ग्रसित हैं। गलत चीजों को देखकर या गलत संगति में पढ़कर बहुत सारी बीमारियां लोग अपने में समेट लेते हैं। कभी-कभी अधिक चिंता तनाव अवसाद डिस्फंक्शन का कारण बन जाता है । कुछ लोगों में टेस्टोस्टरॉन की कमी भी दिखाई देती है। बहुत सारी ऐसी यौन जनित दिखती है जो हमारे गलत लाइफस्टाइल के कारण हमारी जिंदगी में आ गई है। चाहे धातु रोग हो धातु चक्षीणता, हो प्रमेह हो, स्वप्नदोष इन सब व्याधियों में आपको 7 पत्ते बेल के लेने हैं, 5 तुलसी के पत्ते और 4 या 5 गोलकी यानी काली मिर्च सबको आपस में कूट पीसकर घोटकर मिला लेनी है। 
इसका सेवन करने से मैंने जो भी ऊपर बीमारियों का नाम बताया है उसमें फायदे होने के साथ ही आपको डायबिटीज से भी निजात मिल सकती है साथ ही आपके किडनी में कोई परेशानी हो तो उसमें लाभ हो सकता है।
अति वासना या कामेच्छा बीमारी है।  स्त्री पुरुष किसी में भी पाई जा सकती है। अपनी कामवासना को नियंत्रित करने आवश्यक होते हैं। यदि कोई कामों की स्त्री या पुरुष बेल के चार पांच पत्ते को चबा कर रोजाना खाएं , अति कामुकता, उतावला पन को नियंत्रित कर सकता है। रोज दिन 8-10 पत्ते को पीसकर मिश्री मिलाकर शरबत बना ले और पीया करें।
आज भी बेल के पत्ते पर नई नई खोज चल रही है जिसके तहत इसमें बीपी या कैंसर में भी फायदे की बात कही जा रही है सुनने में आता है कि यह हमारे इम्यून सिस्टम को यानी रोग निरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
(१२) दाद खाज खुजली, सोए दाग में बेल के पत्ते को पीसकर लगाने से फायदे होंगे। 



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