अशोक नाम से प्रचलित वृक्ष की लम्बाई तीस फीट तक हो सकती है।यह दो प्रकार की होती है। अशोक सड़क किनारे, पायलट में ,विद्धयालय के साथ घर के बगीचे में लगाया जाता है ।आप इसे गमले में भी लगा सकते हैं।इसको सीता वृक्ष भी कहते हैं कि नम्बर तीन है कि मां सीता को रावण ने अशोक वाटिका में रखा था । अशोक के वृक्ष ने सीताजी को पनाह दिया था। सीताजी ने आशिर्वाद दिया था अशोक वृक्ष को जहां तुम रहोगें वहां कोई शोक नहीं होगा। कोई दुख, परेशानी नहीं होगी। यह तो मानृयता है वैसे भी इस वृक्ष में ढेरों बिमारियों के इलाज छुपे हैं ,बहुत सी दवा तैयार की जाती है ।
(१) लगाते कैसे हैं ?-- अशोक को बीज से, कटिग्स से या एयर लेयरिंग से लगा सकते हैं।
(२) मिट्टी-- इसे दोमट मिट्टी पसंद है।
(३) धूप-- अशोक को पूरी धूप चाहिए।
(४)खाद-- आप बड़ी गोबर की खाद,पत्ते की खाद साल में तीन बार दे, स्प्रीग, समय और और में ।
(५) फूल-- इसमें ग्रिन सर्वाधिक रंग के फूल आते हैं जिससे बीज बनते हैं।
(६) पक्तिं में लगानी होगी तब चार से पांच फीट की दूरी ठीक रहेगी।
(७) कांट - छांट-- अशोक को शेप देने के लिए आप साल में कभी भी कांट सकते हैं। जापानी के समय सूखे टहनियों,पत्तों को हटा लें। फल देने के समय नहीं काटेंगे।
(१) लगाते कैसे हैं ?-- अशोक को बीज से, कटिग्स से या एयर लेयरिंग से लगा सकते हैं।
(२) मिट्टी-- इसे दोमट मिट्टी पसंद है।
(३) धूप-- अशोक को पूरी धूप चाहिए।
(४)खाद-- आप बड़ी गोबर की खाद,पत्ते की खाद साल में तीन बार दे, स्प्रीग, समय और और में ।
(५) फूल-- इसमें ग्रिन सर्वाधिक रंग के फूल आते हैं जिससे बीज बनते हैं।
(६) पक्तिं में लगानी होगी तब चार से पांच फीट की दूरी ठीक रहेगी।
(७) कांट - छांट-- अशोक को शेप देने के लिए आप साल में कभी भी कांट सकते हैं। जापानी के समय सूखे टहनियों,पत्तों को हटा लें। फल देने के समय नहीं काटेंगे।
0 Comments