आम से हम सभी परिचित हैं।इसकी अनेकों किस्में हैं।यह फलों का राजा है। इससे अचार बनाई जाती है जो हमारे भोजन में चार चांद लगा देती है। इसकी कुछ किस्में भी से पटना शुरू कर देती है। मई से लेकर सितम्बर तक आम बाजार में उपलब्ध होती है। इसमें से कुछ नाम इस प्रकार है-- लंगड़ा, गुलाबखाश, जर्दालू, अल्फान्सो, हेमसागर, दशहरी, बेनजीर, कृष्णभोग, हुस्नआरा, सुकुल, सीपियां ,फैली, चौसा बरूआ, आम्रपाली,मलिका इत्यादि ।
(१)-कब लगाए-- जून - जुलाई में लगाए ।
(२)-कैसे लगाए-- अप्रेल में १ भी.X १ मी. X १ भी. का गढ़ा खोदें। उसमें ३० -३५ किलों गोबर खाद, सिंगल सुपर फास्फेट दो किलोग्राम, अढ़ाई सौ ग्राम पोटाश डालकर गढ़ें को भर दें। जून-जुलाई जुलाई में वृक्ष लगाए।
(३)- दूरी क्या रखें-- बीजू आम१२ भी.X १२ मी. कलमी आम १० मी.X १० भी. रखें।
(४)- नये पौधों में सप्ताह में दो दिन पानी दें, या फिर आवश्यकता अनुसार पानी दें।
(५)-वृक्ष के पुराना होने पर ५००ग्राम नेत्रजन, २०० ग्राम फास्फोरस,५०० ग्राम पोटाश साल में एक बार डालें।
(१)-कब लगाए-- जून - जुलाई में लगाए ।
(२)-कैसे लगाए-- अप्रेल में १ भी.X १ मी. X १ भी. का गढ़ा खोदें। उसमें ३० -३५ किलों गोबर खाद, सिंगल सुपर फास्फेट दो किलोग्राम, अढ़ाई सौ ग्राम पोटाश डालकर गढ़ें को भर दें। जून-जुलाई जुलाई में वृक्ष लगाए।
(३)- दूरी क्या रखें-- बीजू आम१२ भी.X १२ मी. कलमी आम १० मी.X १० भी. रखें।
(४)- नये पौधों में सप्ताह में दो दिन पानी दें, या फिर आवश्यकता अनुसार पानी दें।
(५)-वृक्ष के पुराना होने पर ५००ग्राम नेत्रजन, २०० ग्राम फास्फोरस,५०० ग्राम पोटाश साल में एक बार डालें।
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