(१) दिल में घर बना सकूं कोई दिल तो ऐसा हो ।
तमाम उम्र हमने इसी खोज में गुजार दी ।
इक दिल बता दूं आपको अगर आप कहें।
कृष्णा अगर पसंद है उनके दिल में जा रहें।
(२) ज़िन्दगी को मेरी- मेरी कहते रहते हैं सभी।
जिन्दगी किसकी है समझता नहीं कोई ।
कभी हंसाती कभी रूलाती है ज़िन्दगी ।
अपना होने का भ्रम हमें दिलाती है ज़िन्दगी।
(३) एक बात सच कह दी और उनको खो दिया।
उनके खोने का दर्द उम्र भर रहा ।
तमाम उम्र झूठ मैंने तेरे लिए कहे।
झूठ बोलना था मगर मुंह से सच निकल गया।
(४) आप आओ तो कभी हम दिल की सुनाते हैं ।
दुनिया की फ़िक्र छोड़ सब तुम्हें सुनाते हैं ।
आने - जाने में समय यूं ही क्यों बर्बाद करें।
तुम सुनाती जाओ हमें ,हम तुम्हें सुना करें।
(५) दिमाग ने कहा तू उसे याद ही न किया कर ।
जिसने तुझे रूलाया उसे मुआफ न किया कर।
तुम समझेगा नहीं वह मुझे प्यारा है किस कदर।
सांसों में मेरे शामिल है,जी पाऊंगा लेना छोड़कर।
(६) दिल की जिद्द मान लें उन्हें याद किया करें।
क्या पता किसी दिन उनके दिल में जगह मिले।
वाद - विवाद में क्यूं फंसे क्यूं तकरार किया करें।
वक्त बहुत कम है जीने के लिए हंसकर जीया करें ।
(७) आज भी मेरे गली में उनका आना- जाना होता है।
अनजाने पन का भाव लिए एक चेहरा होता है ।
आंखें छुपाकर जाता है क्यूं यहां से सोचते हम।
उसे याद है शायद आंखों की भाषा जानते हैं हम ।
रूखशत होकर यहां से कहां जाओगे पूछा ?
लगता है फिक्र अब भी मेरा उसको रहता है ।
(८) खाई है ज़माने की ठोकरें इतनी ।
हरदम वह जमाने से डरा रहता है।
मैं हर रंजो गम में साथ रही उसके।
जाने क्यूं मुझसे खफा- खफा रहता है।
तमाम उम्र हमने इसी खोज में गुजार दी ।
इक दिल बता दूं आपको अगर आप कहें।
कृष्णा अगर पसंद है उनके दिल में जा रहें।
(२) ज़िन्दगी को मेरी- मेरी कहते रहते हैं सभी।
जिन्दगी किसकी है समझता नहीं कोई ।
कभी हंसाती कभी रूलाती है ज़िन्दगी ।
अपना होने का भ्रम हमें दिलाती है ज़िन्दगी।
(३) एक बात सच कह दी और उनको खो दिया।
उनके खोने का दर्द उम्र भर रहा ।
तमाम उम्र झूठ मैंने तेरे लिए कहे।
झूठ बोलना था मगर मुंह से सच निकल गया।
(४) आप आओ तो कभी हम दिल की सुनाते हैं ।
दुनिया की फ़िक्र छोड़ सब तुम्हें सुनाते हैं ।
आने - जाने में समय यूं ही क्यों बर्बाद करें।
तुम सुनाती जाओ हमें ,हम तुम्हें सुना करें।
(५) दिमाग ने कहा तू उसे याद ही न किया कर ।
जिसने तुझे रूलाया उसे मुआफ न किया कर।
तुम समझेगा नहीं वह मुझे प्यारा है किस कदर।
सांसों में मेरे शामिल है,जी पाऊंगा लेना छोड़कर।
(६) दिल की जिद्द मान लें उन्हें याद किया करें।
क्या पता किसी दिन उनके दिल में जगह मिले।
वाद - विवाद में क्यूं फंसे क्यूं तकरार किया करें।
वक्त बहुत कम है जीने के लिए हंसकर जीया करें ।
(७) आज भी मेरे गली में उनका आना- जाना होता है।
अनजाने पन का भाव लिए एक चेहरा होता है ।
आंखें छुपाकर जाता है क्यूं यहां से सोचते हम।
उसे याद है शायद आंखों की भाषा जानते हैं हम ।
रूखशत होकर यहां से कहां जाओगे पूछा ?
लगता है फिक्र अब भी मेरा उसको रहता है ।
(८) खाई है ज़माने की ठोकरें इतनी ।
हरदम वह जमाने से डरा रहता है।
मैं हर रंजो गम में साथ रही उसके।
जाने क्यूं मुझसे खफा- खफा रहता है।
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