घर की घंटी बजने से मैं नींद से जागी। दरवाजे पर एक भिखारी को खड़ा पाया। मुझे देखते उसने आवाज़ लगाई भगवान के लिए कुछ दे दो। मेरे विचार भिखमंगो के लिए कोई खास अच्छे नहीं, खासकर जो घंटी बजाकर बुलाते और अपने लिए नहीं भगवान के लिए भीख मांगते है। पतिदेव भिखारी को लौटने को बुरा मानते हैं। अनमने भाव से मैं घर के अन्दर गई। बैग से सिक्के निकाले और लाकर उसके कटोरी में डाल दिया।
मैं मुड़ने ही वाली थी कि मेरे कान में झनाक की आवाज आई।यह क्या पैसे उसने बिना कुछ बोले मेरे गेराज के उपर फेंक दिया। मैं हक्का-बक्का रह गई।गेराज टीन की छत वाली थी। मैं शर्माकर इधर उधर देखती ( किसी ने देखा तो नहीं ) तब तक मेरे पड़ोसी के लड़के की स्कुटर वहां एकाएक रूकी (उसके कान में झनाक की आवाज पहुंच गई थी) स्कूटर रोकते हुए उसने पूछा क्या हुआ?
मैं चुप थी क्या कहती ? कैसे कहती इसने पैसे गराज पर फेंक दिया है।
भिखारी ने अपना पिछला हिस्सा हिलाकर जबाब दिया- यह हुआ है। मैं कुछ समझूं उससे पहले, वह कूटा चुका था। वह तो अच्छा हुआ उसकी मां हल्ला सुनकर बाहर आ गई वर्ना न जाने क्या दुर्गति हो जाती बेचारे की।
टीन के छत हटाकर सीमेंट की बनानी थी। छत से वह सिक्का जमीन पर आ गिरा, मुझे उस भिखारी की याद आ गई।
सोचती हूं......
सिक्के की हालत बद से बद्तर हो गई।
रुपए तेरा हाल, धोबी के गधे सी हो गई।
चमक चली गई तू तो बेरौनक सी हो गई।
इस तरह तेरी शाख क्यू कर गिरती गई।
डॉलर का कद बढ़ता गया बौनी तू तो हो गई।
शाख तेरी गिरती गई, बेरौनक सी तू तो हो गई।
अब भी वक्त है हुक्मरानों आप संभाले इसे।
गद्दी बचाने की फ़िक्र छोड़ आप बचा लो इसे।
सिक्के केवल सिक्के नहीं है हमारी आन है।
कहते हैं देश के सिक्के ही देश की शान है।
मैं मुड़ने ही वाली थी कि मेरे कान में झनाक की आवाज आई।यह क्या पैसे उसने बिना कुछ बोले मेरे गेराज के उपर फेंक दिया। मैं हक्का-बक्का रह गई।गेराज टीन की छत वाली थी। मैं शर्माकर इधर उधर देखती ( किसी ने देखा तो नहीं ) तब तक मेरे पड़ोसी के लड़के की स्कुटर वहां एकाएक रूकी (उसके कान में झनाक की आवाज पहुंच गई थी) स्कूटर रोकते हुए उसने पूछा क्या हुआ?
मैं चुप थी क्या कहती ? कैसे कहती इसने पैसे गराज पर फेंक दिया है।
भिखारी ने अपना पिछला हिस्सा हिलाकर जबाब दिया- यह हुआ है। मैं कुछ समझूं उससे पहले, वह कूटा चुका था। वह तो अच्छा हुआ उसकी मां हल्ला सुनकर बाहर आ गई वर्ना न जाने क्या दुर्गति हो जाती बेचारे की।
टीन के छत हटाकर सीमेंट की बनानी थी। छत से वह सिक्का जमीन पर आ गिरा, मुझे उस भिखारी की याद आ गई।
सोचती हूं......
सिक्के की हालत बद से बद्तर हो गई।
रुपए तेरा हाल, धोबी के गधे सी हो गई।
चमक चली गई तू तो बेरौनक सी हो गई।
इस तरह तेरी शाख क्यू कर गिरती गई।
डॉलर का कद बढ़ता गया बौनी तू तो हो गई।
शाख तेरी गिरती गई, बेरौनक सी तू तो हो गई।
अब भी वक्त है हुक्मरानों आप संभाले इसे।
गद्दी बचाने की फ़िक्र छोड़ आप बचा लो इसे।
सिक्के केवल सिक्के नहीं है हमारी आन है।
कहते हैं देश के सिक्के ही देश की शान है।
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