कोई बात नही वैसे तुम्हारी याददाश्त की बात ही क्या। जिसेअपना जन्मदिन तक याद नही रहता हो उसे अपने पूर्व जन्म भला कैसे याद रहेगा। मुझे तो तुम्हारी एक एक बाते यादहै। सुनाने लगू तो ग्रथ तैयार हो जाए। मुझे याद है मेरे अंतिम समय मे मेरे माथे पर अपना हाथ फेरते हुए तुम कितने भावुक हो गए थे। मै ठीक से देख तो नही पाई थी शायद तुम्हारे आँखो मे आसू भी आ गए हो। मेरी मौत से आहत होकर तुम कह रहे थे- सात जन्मो का साथ निभाने की बात थी तुम तो एक जन्म भी नही निभा पाई। तुम ही बताओ क्या मैने जानबूझ कर तुम्हे छोड़कर चली थी। मेरा दिल जानता है तुमको और अपने बच्चे को छोड़कर जाते हुए कितना अजीब सा लग रहा था मुझे। जी चाहता था चीख चीखकर रोऊ। मजबूरी तो देखो मेरी मै रो भी नही सकती थी।तुम पूछेंगे क्यो नही रो सकती थी ? अरे यार तुमको क्या पता जो मर जाते वो रोचक नही सकते। जब तक जिन्दगी है तभी तक हमे रोने हसने का अधिकार है,मरते ही सब अपने आप समाप्त हो जाता है।
अब जब मै दूसरी दुनिया मे पहुची तो मुझे अपनी सारी यादे भूला देनी थी। तुम तो जानते ही हो मै तुम्हारे जैसी भुल्लकर नही मै अपने पूर्व जन्म को जिसमे तुम थे मेरा बच्चा था कैसे भूला सकती थी। यहा मेरी याददाश्त को मिटाने की बहुत कोशिश की गई । यहा लोगो का सोचना था मै अगर पिछले जन्म को भूलूगी नही तो फिर जन्म लेने पर मेरा क्या होगा ? इस तरह मुझे परलोक मे अधिक दिनो तक रहने का मौका मिला। एक बात बताऊ यह (परलोक) भी कोई अच्छी जगह नही। यहा भी भ्रष्टाचार धरती जैसी ही है। चोरी चपारी, लूट खसोट तो छोड़ो यहा भी अमीर-गरीब का लफड़ा है। अरे इसमे सोचने जैसी क्या बात है।चलो मेरा ही केस ले लो। मेरी मौत पर कितना जमकर खर्च किए थे तुमने। मुझे याद है जो साड़ी मै पैसे की किल्लत से नही खरीद पाई थी, उसे खरीद कर तुमने पंडित जी को दिया था। अरे यार हम तो बूथ के पैकेट वाली दूध भी मुश्किल से लेकर पाते थे। एक बात पूछू पंडित जी को गाय कहा से की तूने ? भोज भी कितने अच्छे मेनू के साथ दिए थे तुमने खानेवाले थन्य धन्य हो गए। कोई मुझे क्यो याद करता ,क्यो दुखी होता । मेरी मौत ने ही तो उन्हे इतना शानदार भोजन मुहैया कराया। अब समझ गए वहा कैंसे अमीर-गरीब की पहचान होती है।
हारकर फैसला हुआ चलो इसे पिछले जन्म की याददाश्त के साथ ही संसार मे भेज दिया जाए। एक दूत ने आकर पूछा किस देश मे और किस घर मे जन्म लेना चाहती हो। मैने झट से तुम्हारा नाम बता दिया। दूत रजिस्टर देखकर थोड़ा दुखी होकर बोला-- यह नही हो सकता। मेरे पूछने पर क्यो नही हो सकता ? दूत ने बताया- तुम्हारे पति ने अगर दूसरी शादी की होती तो तुम्हे उसका संतान बनाकर भेज देते लेकिन उसने शादी की ही नही।
सच कहू यार दिल खुशी से नाच उठा। देखो यह मत कहना तुम बदली नही। मेरे लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती थी कि तुम मेरे थे,मेरे हो और मेरे रहोगे।
खुशी के आवेश मे आकर मैने दूत से कह दिया आपकी जहा मर्जी हो भेज दो। दिल बांसो उछल रहा था जिस धरती पर जाउगी उसपर कही न कही तुम भी होगे। जो हवा आवेगी उसमे तेरी सुगंध होगी। हवा की सुगंध से मै तुम्हे पहचान लूगी। मै दुबारा जन्म लेकर धरती पर जाने के लिए बेचैन हो उठी।
मै जन्म लेकर आज तक की बाते बताऊ तो मुझे जो नया सेट मिला हर तरह से ठीक था। घर परिवार, पति बच्चे मेरे लिए सब कुछ थे। परन्तु तुम्हारी यादे आती रही।
तुम भी बच्चे की परवरिश मे उलझकर मुझे भूला बैठे और भूलते भी कैसे नही। मै तो सारी जिम्मेदारी तुमने छोड़कर चली गई थी।
हमारा बच्चा पढ़कर नौकरी करने लगा। फिर तुमने उसकी शादी कर दी। याद ही होगा बेटे की शादी मे कितने खुश थे तुम? मुझे लगता है यह खुशी तुम्हारी क्षणभंगुर थी। बेटे बहु चले गए और तुम अकेले हो गए। शायद यही अकेलापन फिर से तुमको मेरी याद दिलाने लगा। किसी के यादो के सहारे जिन्दगी कहा चलती है। एक तो उम्र का चौथापन और फिर अपनो से दूरी। न ठीक है खाना न सोना । तुम टूट गए बिमार रहने लगे और फिर एक दिन संसार को अलविदा कह दिया।
मुझे भी तुम्हारे जाने की भनक मिली बहुत बुरा लगा।
यहा मेरी याददाश्त धोखा दे गई । बहुत दिनो तक तुम्हारी कोई खबर नही मिली। मै जानती थी परलोक के नियम जब तक तुम फिर से जन्म नही ले लेते तुम्हारी कोई खबर मुझे नही मिलेगी।
तुम जल्दी से जन्म लेकर आ जाओ। देखो मोक्ष नही लेना। मै तेरा इंतजार कर रही हू।
0 Comments