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कचनार पौधे का उपयोग

एक खूबसूरत फूलों वाला पौधा कचनार। यह हमारे लिए ईश्वर का वरदान है। यह आसानी से बीज, कटिंग या एयरलेयरिग से उगा सकते हैं। यहां मैं इसका मेडिसनल उपयोग की चर्चा करती हूं।
(१) सबसे पहले मैं आपको बताना चाहती हूं कि इसके फूल ,फल,बीज के साथ पत्ते भी लाभदायक है। यह एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल है। इससे सब्जी, पकौड़े और अचार बनते हैं।

(२) टांसिल्स और थायराइड-- बीस ग्राम बार्क दो सौ मीलीलिटर पानी को तब तक उबालें जब पचास मीलीलीटर पानी वाष्प बनकर उड़ जाए उसके बाद उपयोग करें।

(३) जान्डिस या लीवर-- जान्डिस या लीवर की कोई भी परेशानी हो पत्ते पीसकर रस निकालकर बच्चे को १५मीलीलिटर सयाने १०० मिलीलीटर दिन में दो बार लें।

(४) भूख की कमी--भूख की कमी में पत्ते का रस लाभदायक है।

(५) कमजोरी-- फूल को छाए में सूखाकर पाउडर बनाकर तीन ग्राम दिन में दो बार लेने से फायदा होगा।

(६) डायरिया-- किसी को डायरिया होने पर सूखा बार्क पाउडर बनाकर तीन ग्राम दिन में दो बार लें।

(७) बैड ब्रिथ/सांस की दुर्गंध हो या माउथ अल्सर-- बार्क दस ग्राम पानी चार सौ मिलीलीटर को तब तक उबालें जब सौ मिलीलीटर पानी उड़ जाए तब गारगिल करें।

(८) यूटर्स-- यूटर्स में फाईवराइडस या टियूबर होने पर सूखा बार्क पांच ग्राम ताजा बार्क दस ग्राम चार सौ मिलीलीटर पानी में उबालें जब सौ मिलीलीटर पानी उड़ जाए तो उपयोग करें।

(९) सांप काटने पर-- पत्ते पर रस या पाउडर में मधु मिलाकर चाटे। काटे जगह पर पत्ते पीसकर लगाएं।

(१०) इसके अलावा ढ़ेरों बिमारियों में लाभकारी है-- कृमि होने पर, पिम्पल्स, दर्द, स्वेलिग, स्कीन प्रोब्लेम, गांव, कफ, खूनी बाबासिर, लिप्रोसी, खून साफ़ करना, बुखार, हार्मोन ठीक करना, पाईल्स इत्यादि अनेकों बिमारियों में लाभकारी है।

नोट-- इस प्लान्ट पर मेरे चैनल बोकारो गार्डेन में विडियो होगी आप देखै। बागवानी में आपकी रुचि है तो सब्सक्राइब जरूर कर लें।

(१०)
Utrasum- Beadnell- tree

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