हींग यानि Asafoetida अफगानिस्तान, ईरान, ईराक से होते हुए भारत के पंजाब, काश्मीर, उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश में उगाया जा रहा है।
(१) तापमान- हींग के पौधों के लिए २० से ३० डिग्री तापमान अच्छा रहता है।
(२) कैसे लगाए- इसे बीज से लगाया जा सकता है।
(३) उंचाई- ५से१० फ़ीट तक जा सकती है।
(४) मिट्टी- रेत या चिकनी मिट्टी में भी लगा सकते।
(५) पानी- मिट्टी सूखने पर दे। पानी रूकनी नहीं चाहिए।
(६) रंग- फूल पीले हींग सफेद या लाल। इसमें सल्फर होने के कारण गंध तीखी होती है।
(७) धूप- सीधी धूप छाया वाली जगह में नहीं लगाए।
(८) मल्चिंग जरूर करें।
(९) उपयोग- रसोईघर के लाखों उपयोग के साथ ही मेडिसिन के रूप में भी लाभकारी है। पेट की हरेक परेशानी से छुटकारा मिलता है।
(१०) हींग का व्यवसाय भी लाभकारी है यह बाजार में ३५०० रु किलो मिलता है।
(१) तापमान- हींग के पौधों के लिए २० से ३० डिग्री तापमान अच्छा रहता है।
(२) कैसे लगाए- इसे बीज से लगाया जा सकता है।
(३) उंचाई- ५से१० फ़ीट तक जा सकती है।
(४) मिट्टी- रेत या चिकनी मिट्टी में भी लगा सकते।
(५) पानी- मिट्टी सूखने पर दे। पानी रूकनी नहीं चाहिए।
(६) रंग- फूल पीले हींग सफेद या लाल। इसमें सल्फर होने के कारण गंध तीखी होती है।
(७) धूप- सीधी धूप छाया वाली जगह में नहीं लगाए।
(८) मल्चिंग जरूर करें।
(९) उपयोग- रसोईघर के लाखों उपयोग के साथ ही मेडिसिन के रूप में भी लाभकारी है। पेट की हरेक परेशानी से छुटकारा मिलता है।
(१०) हींग का व्यवसाय भी लाभकारी है यह बाजार में ३५०० रु किलो मिलता है।
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