मेरी नज्में तेरे होठों पे इठलाई तो होगी।
लाख कोशिश से मेरी याद ना भुलाई होगी।
तुमको भी मेरी यादों ने सताया तो होगा।
पुरानी यादों से आंखें तेरी भर आई तो होगी।
मन के विद्रोह पर अंकुश जो लगाया होगा।
मन में बेदनाओं की बजती हुई शहनाई होगी।
रेत पर लिखकर मेरा नाम जो मिटाया होगा।
दुबारा लिखने को उंगलियां थरथराई होगी।
मेरे वगैर जो कभी जश्न तूने मनाया होगा।
अपनी नजरों को मुझे खोजते पाया होगा।
लाख कोशिश से मेरी याद ना भुलाई होगी।
तुमको भी मेरी यादों ने सताया तो होगा।
पुरानी यादों से आंखें तेरी भर आई तो होगी।
मन के विद्रोह पर अंकुश जो लगाया होगा।
मन में बेदनाओं की बजती हुई शहनाई होगी।
रेत पर लिखकर मेरा नाम जो मिटाया होगा।
दुबारा लिखने को उंगलियां थरथराई होगी।
मेरे वगैर जो कभी जश्न तूने मनाया होगा।
अपनी नजरों को मुझे खोजते पाया होगा।
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