है कोई इंसान ऐसा जो यह गवाही दे।
चांद से आई है चांदनी यह गवाही दे।
वह कहता है मैंने टॉर्च से रोशनी फेंकी
लौटआई धरा पर तूने जो रोशनी देखी
चांद हाथ जोड़े खड़ा है कोई तो ऐसा दिखाई दे
कहे वह इतनी जोर से चांदनी चांद से आई है।
गवाही उसकी यह सबको सुनाई दे।
आज पवन मेरा तू प्रार्थना स्वीकार कर।
आज तक ना किया आज ऐसा काम कर।
सुनते हैं पवन तू जला बुझा दोनों सकता है?
दीपक को जला और अग्नि को बुझा सकता है?
जानता हूं इसे तू कभी स्वीकार नहीं कर पाएगा।
तू कमजोर का नहीं हमेशा बलवान का साथ निभाएगा।
चांद से आई है चांदनी यह गवाही दे।
वह कहता है मैंने टॉर्च से रोशनी फेंकी
लौटआई धरा पर तूने जो रोशनी देखी
चांद हाथ जोड़े खड़ा है कोई तो ऐसा दिखाई दे
कहे वह इतनी जोर से चांदनी चांद से आई है।
गवाही उसकी यह सबको सुनाई दे।
आज पवन मेरा तू प्रार्थना स्वीकार कर।
आज तक ना किया आज ऐसा काम कर।
सुनते हैं पवन तू जला बुझा दोनों सकता है?
दीपक को जला और अग्नि को बुझा सकता है?
जानता हूं इसे तू कभी स्वीकार नहीं कर पाएगा।
तू कमजोर का नहीं हमेशा बलवान का साथ निभाएगा।
0 Comments