वृक्ष बनने के लिए बीजों सा सड़ना पड़ता है।
वृक्ष बनने के लिए हर बीज को सड़ना पड़ता है।
लक्ष्य पाने के लिए बाधाओं से लड़ना पड़ता है।
जीवन की सच्चाई पुस्तकों में नहीं मिला करता है।
जीवन को समझने के लिए जीवन को पढ़ना पड़ता है।
पर्वत पर चढ़ने वाले को जीत ऐसे ही नहीं मिल जाता है।
विध्न औ बाधाओं से लड़ने का हठ भी करना पड़ता है।
अपने आप से किया एक हठ पत्थर बीच राह बनाता है।
भागीरथ सा हठी ही गंगा को पृथ्वी पर लेकर आता है।
बाधाओं से डरे मंजिल नहीं करती कभी स्वीकार उसे।
कदम चुमती उसकी जो मकड़ी सा हारने को तैयार नहीं।
मंजिल तुम्हें भी मिल सकती थी तुम बाधाओं से लड़े नहीं।
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