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ओवरथिंकिंग क्या है उससे कैसे बचे

ओवरथिंकिंग/एंजायटी डिसऑर्डर

एंजायटी डिसऑर्डर/ओवरथिंकिंग क्या है और इससे कैसे बचे, ओवरथिंकिंग से कैसे बचें?

आज बात करते हैं ओवरथिंकिंग पर मुख्य दो तरह का आपको दिखाई देता है एक में

(1) प्रॉब्लम थिंकिंग

(2) सॉल्यूशन थिंकिंग।


ओवरथिंकिंग चाहे प्रॉब्लम पर हो या सॉल्यूशन पर खुद के लिए अपने स्वास्थ्य के लिए अपने जीवन के लिए कभी भी अच्छा नहीं होता है। 


ओवरथिंकिंग किसी भी विषय पर आ सकती है। ओवरथिंकिंग में कोई इंसान,जगह, कोई परेशानी आपके इमोशंस कुछ भी हो सकते हैं।


जिसमें आप हर घड़ी बेचैनी महसूस करते हैं और उसके बारे में ही सोचते रहते हैं। आप ना चाह कर भी बार-बार एक ही चीज पर सोचते रहते हैं कितना भी कोशिश करते हैं आपकी सोच वहां से हटती ही नहीं है।


उदाहरण के तौर पर पैसे की कमी अब पैसे की कमी पर सोचने वाला इंसान सोचता चला जाता है कि काश बचपन में अच्छी पढ़ाई कर लिया रहता तो आज मैं भी अच्छे पैसे कमाता। इतनी महंगाई में कैसे घर चलाऊंगा, बच्चों को पढ़ाना, उनका शादी ब्याह कैसे कर पाऊंगा। घर कैसे बनाऊंगा घर कैसे चलाऊंगा 

यह सब सोचते सोचते अपने आंखों की नींद गवां बैठता हैं कभी-कभी डिप्रेशन में भी चला जा सकता हैं।

 

प्रॉब्लम ओवर थिंकिंग जो करते हैं वह एक से दूसरे प्रॉब्लम में चलते जाते हैं। 


एक और समस्या लेते हैं कोई शादीशुदा महिला है जिसे सालों पहले उनकी सासू मां ने कुछ भला बुरा कह दिया। अब उसे वह बैठकर सोच रही है कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा ? मेरे हस्बैंड ने मेरा साथ नहीं दिया। मैंने ही उनको मुंहतोड़ जवाब दिया होता तो अच्छा रहता है। अब बोलकर देखें तो मैं मुंह तोड़ जवाब दे दूंगी। यहां वह बैठकर यह इमेजिन कर रही हैं कि अब अगर सास अब कुछ बोलती है तो मैं ऐसा ना ऐसा जवाब देने वाली हूं।


आपकी प्रॉब्लम सोचना यह है कि जो होना था सालों पहले  हो गया अब इसमें सोचने से कोई खास फायदा होने वाला नहीं है। अपना समय बर्बाद करना और अपने मन को दुखी करने के सिवा और कुछ मिलने वाला नहीं है।


प्रॉब्लम किस जगह सॉल्यूशन पर सोचना- 

अब अगर सॉल्यूशन पर पैसे की कमी वाला सोचेगा तो कोई कोर्स कर लेगा जिससे कुछ उसकी आमदनी बढ़ सकती है। जो भी काम वह कर रहा है उसके अलावा साइड में कोई दूसरा बिजनेस कर सकता है। सोचना चाहिए कि बीते समय को वापस नहीं लाया जा सकता। दिन रात किसी को सोचते रहने से कुछ नहीं होगा। कुछ करने की दिशा में सोचने से ही घर में पैसे का आना बढ़ाया जा सकता है।


सॉल्यूशन थिंकिंग में आप भविष्य की बात करते हो भविष्य की चिंता करते हो और उस पर अगर काम करते हो तो आपको फायदे ही फायदे होने वाले हैं।


अब उदाहरण के तौर पर महिला का प्रॉब्लम लेते हैं। इसका सॉल्यूशन देखा जाए तो आप पाएंगे कि उनका सालों पहले या कुछ साल पहले अगर किसी ने कुछ कह दिया है तो उसको भूल जाने में ही भलाई है। अपने जिंदगी को पुरानी बातों को सोचने उसी में लगा कर रखने से कोई फायदा नहीं होने वाला है। 

आप कल्पना कर लेते हो कि अब कोई ऐसा कहेगा तो मैं ऐसा जवाब दूंगी। आप भूत से बाहर निकलो वर्तमान में आकर देखो अपनी जिंदगी को सुखद बनाने के लिए पुरानी बातों को अहमियत नहीं देनी है। 

आज यह कल्पना करने में ही आप अपना समय बर्बाद करते हो। कौन क्या कहेगा फिर उसे क्या जवाब दूंगी किसने क्या किया था उसके साथ कैसा व्यवहार करुगी।

ऐसे ओवर थिंकिंग करते रहने से आपके डिप्रेशन में जाने की भी संभावना हो सकती है। वर्तमान में लौटो क्रिएटिविटी से कोई नया काम करो, अपने आप को खुश रखने की कोशिश करो।


मेरा एक सुझाव है आप इसको आजमा कर देख सकते हैं। ओवर थिंकिंग का मतलब यह भी होता है कि किसी एक चीज पर किसी एक बात पर आपका दिमाग बार-बार जाता रहे। आप अपने दिमाग को दूसरी जगह ले भी जाते हो तो वहां से खींचे हुए रबड़ की तरह फिर से वापस उसी बात, उसी चीज या उसी जगह पर आकर बैठ जाता है। 

आप चाह कर भी उससे अपने आप को अलग नहीं कर पा रहे हो। 

एक तरीका है जिससे आप ओवरथिंकिंग यानी एक ही वस्तु के बारे में सोचते रहने, उसी के बारे में विचार करते रहने से अपने को अलग कर सकते हो। ओवर थिंकिंग को दबाया नहीं जा सकता। जितना दबाने की कोशिश करोगे और भी इस बारे में सोचते चले जाओगे। 

ओवरथिंकिंग से बचने का सबसे आसान तरीका मैं आपसे शेयर कर रही हूं। आप कागज और कलम उठा लो जो कुछ भी आपको लिखना है उसे पर लिखना शुरू कर दो।


यहां कोई जरूरी नहीं है कि कोई कहानी या कविता आपको लिखनी है। कोई पुरानी सुखद यादें लिखें। यहां पर ध्यान आपको यह रखनी है कि जो कुछ भी आप लिखने जा रहे हो, वह दुख भरे ना हो। सुखद यादें हो उसको लिखने में लग जाओ फिर आप देखोगे कि जहां आप किसी इंसान, जगह, समय या जो कुछ भी हो जिसके बारे में आप लगातार सोचते जा रहे थे।आपकी सोच से धीरे-धीरे बाहर निकलता चला जाएगा।


क्या आप जानते हैं ओवरथिंकिंग आपकी जिंदगी में नेगेटिविटी, एंजायटी, चिड़चिड़ापन लाता है, अनहैप्पीनेस फ्रस्ट्रेशन लाता है।


सॉल्यूशन थिंकिंग इसके उल्टे आपके जीवन में पॉजिटिविटी हैप्पीनेस लाता है मोटिवेशन लाता है आशा जगाता है आपके अंदर। तो आप पॉजिटिव थिंकिंग कर अपने आप को सही कर सकते हैं। 

सारे तरीके अपनाने के बाद भी अगर आप अपने आप को सही नहीं कर पा रहे हैं पॉजिटिव थिंकिंग के तरफ नहीं ले जा पा रहे हैं, तो हो सकता है कि आपको एंजायटी डिसऑर्डर हो गया है

,मेडिकल मैं जाएं साइकेस्ट्रीक से अपना जांच करवाएं।


वैसे तो कहते हैं कि खाली मन शैतान का घर होता है। 

लेकिन योग बताता है कि साधक अपने मन को स्वस्थ रखने के लिए उसको खाली रखकर उसका (मन) का अवलोकन करें।अपने आप को योग में लगाकर मन को खाली करने की कोशिश करें। योग में मन को खाली करने का मतलब है की कूड़े कचरे को हटाकर सफाई करना अपने मन को साफ सुथरा रखना। योग में मन को स्थिर और साफ सुधरा रखने का सबसे आसान तरीका बताया जाता है जो मेडिटेशन है।


ओवर थिंकिंग को राइटिंग में बदलकर एंजायटी प्रॉब्लम से बाहर आ सकते हैं। जो कुछ भी आप लिखते हैं उसको आप पढ़ कर आप बाद में उसके सॉल्यूशन ढूंढने की कोशिश करते हैं और इस तरह से आपका ओवर थिंकिंग प्रॉब्लम से निकाल कर सॉल्यूशन थिंकिंग की और बढ़ जाता है। 

सॉल्यूशन थिंकिंग अच्छी प्रक्रिया है यह आपके जीवन में आगे क्या करना है जिससे कि आपका जीवन सुखमय हो आप उस रास्ते पर चलकर अपने जिंदगी को आसान और खुशहाल बना सकते हैं।


सच कहा जाए ओवरथिंकिंग प्रॉब्लम की हो या फिर ओवरथिंकिंग सॉल्यूशन की तरफ हो आपके स्वास्थ्य के लिए दोनों हानिकारक है ।


अक्सर आप पाएंगे की प्रॉब्लम वाली थिंकिंग अधिक लोगों में दिखाई देती है, जो बीमारी की तरफ ले जाती है। सॉल्यूशन वाली थिंकिंग भी बुरी होती है लेकिन इस पर सही तरीके से सोच कर उससे आगे बढ़कर आप फायदे ले सकते हैं। दुर्भाग्यवश आपको कम ही लोगों में ओवरथिंकिंग सॉल्यूशन की तरफ नजर आते हैं।

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