Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

कुछ खो गया

याद है उनकी बेरूखी से दिल का टूकङो में टूटना याद है।
रोते -रोते उसको  समेटकर फिर से उसे जोङना याद है ।

एक वो हिस्सा ही  जिसपर लिखा था  मेरे घर का पता ।
उस टूकङे का ही न मिलना किस कदर खला था याद है।

वही चुपचाप कई दिनों तक बैठकर आसूँ बहाना याद है।
हवा के झोके से टूकङे का आकर मेरे गोद में गिरना याद है।

उस घङी को क्या कहूँ जो खुशी थी मुझको मिली ।
जोङ कर उस टूकङे को जैसे ही मैं उठकर खङा हुआ।

हाय री किस्मत अब भी इक टूकङा मुझे गायब दिखा।
बहुत ध्यान से देखा तो हकीकत देख मैं घबरा गया ।

यह वह हिस्सा था मेरे दिल का जो मेरी जिंदगी का सार था ।
 यह वह नन्हा सा टूकङा था जिसपर मुझको बङा नाज ।

इस हिस्से मे विश्वाश ,प्रेम ,दया और आत्मसम्मान रहता था।
इसके बिना जीउँगा कैसे? सोचते -सोचते  घर वापस आ गया।
                                             नगीना शर्मा

Post a Comment

0 Comments