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Purane saal ki bidai/ अलविदा पुराना साल

हम सब के प्यारे सत्तरह तुमको, हम कभी न भूल पाएगे।
तेरे आने की खुशी मनाए थे, अब जाने की नही मनाएगे।

नये का स्वागत करूँ या पुराने को अलविदा करूँ।
आँखों मेआंसू रहे गर होठो पर कैसै मुस्कान धरू।

अपनी गलती को याद करू,माफी का इन्तजार करूँ।
मुझको बता दे ए मेरे दिल, जाकर कहाँ फरियाद करू।

कुछ का साथ निभाना मेरे बस के बाहर था मैं क्पा करू।
कुछ हम से परेशां होकर चले,कोई मुस्करा कर चले गए ।

कुछ गलत हुआ, कुछ सही हुआ, इसका अब हिसाब करू।
तुम भूला दो मेरी सारी गलती, मैं भी अब तुमको माफ करूँ ।

कुछ दोस्त खफा हो गए हमसे, कुछ नये आकर जुङ गये मुझसे ।
अब तुम ही कहो, पुराने को रोऊँ ? या फिर नये का सम्मान करूँ ।

मै लाख कँरू इन्तजार तेरा, तू लौट कर फिर न आएगा ।
धन्पवाद तेरा सत्तरह ,जो कुछ तू लेकर चला गया ।
सुक्रिया तुझको सत्तरह जो मुझको देकर तू चला गया।

तेरी इन सौगातो को लेकर,अब हम नया वर्ष मनाएगे।
तुमको रुकने को कहू कैसे अठारह अब आनेवाला है।

जाते - जाते तू बस इतना तू कर सकता तो कर जा सत्तरह।
जो भी झोली खाली दिखे, उस झोली को तू भर जा सत्तरह।

                                    नगीना शर्मा

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