जिसको देख मेरी आँखो में चमक गजब की आती थी।
जिसके रुखशत होते ही मायुसी सी छा जाती थी।
अब देखूँ उसे तो आँखो में आँसू क्यों आ जाते है?
कोई मुझे बतलाएगा ,यह आँसू कहाँ से आते है?
ऐसे कोई कैसे अपना सा, पल में गैर बन जाता है।
तोङकर इक घरौदे को,मशरुफ कहीं हो जाता है।
सबकुछ लेकर जानेवाला,यादे क्यू छोङ के जाता है
कोई मुझे बतलाएगा,ऐसा शख्श कहाँ से आताहै?
जहरीली हो चुकी धरती,आकाश अब तेरी बारी ।
जहर से क्या कम, अब गंगा यमुना का पानी है।
बेखबर गर हमतुम रहे तो ए सारा चमन जल जाएगा।
कोई मुझे बतलाएगा,आगे आनेवालो का क्या होगा?
कैसे कोई दामिनी सङको पर लूटी जाती है।
कहीं किसी के चेहरे पर एसिड गिराई जाती है।
कभी दहेज के खातिर आगो में जलाई जाती है।
कोई मुझे बतलाएगा ऐ बेटियाँ कहाँ से आती है?
बाजारों में बैठी वालाएँ भी तो किसी की बेटी है।
हर रात ब्याही जाती है, हर सुबह को विधवा होती है।
हुश्न के खरीदार है कौन, कौन माता-पिता है इनके ।
कोई मुझे बतालाएगा क्या ए भारत माँ के ही बेटे है?
जिसके रुखशत होते ही मायुसी सी छा जाती थी।
अब देखूँ उसे तो आँखो में आँसू क्यों आ जाते है?
कोई मुझे बतलाएगा ,यह आँसू कहाँ से आते है?
ऐसे कोई कैसे अपना सा, पल में गैर बन जाता है।
तोङकर इक घरौदे को,मशरुफ कहीं हो जाता है।
सबकुछ लेकर जानेवाला,यादे क्यू छोङ के जाता है
कोई मुझे बतलाएगा,ऐसा शख्श कहाँ से आताहै?
जहरीली हो चुकी धरती,आकाश अब तेरी बारी ।
जहर से क्या कम, अब गंगा यमुना का पानी है।
बेखबर गर हमतुम रहे तो ए सारा चमन जल जाएगा।
कोई मुझे बतलाएगा,आगे आनेवालो का क्या होगा?
कैसे कोई दामिनी सङको पर लूटी जाती है।
कहीं किसी के चेहरे पर एसिड गिराई जाती है।
कभी दहेज के खातिर आगो में जलाई जाती है।
कोई मुझे बतलाएगा ऐ बेटियाँ कहाँ से आती है?
बाजारों में बैठी वालाएँ भी तो किसी की बेटी है।
हर रात ब्याही जाती है, हर सुबह को विधवा होती है।
हुश्न के खरीदार है कौन, कौन माता-पिता है इनके ।
कोई मुझे बतालाएगा क्या ए भारत माँ के ही बेटे है?
नगीना शर्मा
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