सावन आने से पहले फुहार आ जाए ।
बहार आने से पहले फूल खिल जाए ।
तो तुम याद आते हो ।
सुबह होने से पहले नींद उचट जाए ।
रात आने से पहले ही नींद आ जाए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
इतने दुश्मनों के बीच कोई दोस्त दीख जाए ।
जैसे इन्सानों के बीच कोई फरिश्ता दीख जाए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
जब कोई पराया अपना सा लगने लगें ।
जब अपना कोई पराया सा दीखने लगें ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
बेटियां सड़क पर खुलेआम घुमती नजर आए ।
मधुबन की गलियों में गोपियां सी नजर आए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
जब बेटे सारे नौकरी करते दीख जाए ।
सबके रोटी के उपर तीयन दीख जाए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
इतनी जिल्लत, परेशानी इतनी महगांई ।
इसपर भी कोई इन्सान हंसता दीख जाए।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
बच्चें के पीठ पर गधे सा लदा बस्ता ।
मदरसे में पढ़ाई गर दीख जाए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
मौत आने से पहले ज़िन्दगी चली जाए ।
ज़िन्दगी बची रहे और मौत आ जाए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
आंसू आंखों से निकलना छोड़ दें ।
दिल जीते जी धड़कना छोड़ दें ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
पीद्दी सा कोई देश हमको ललकारे ।
रक्षक हमारे कंधे पर चढ़कर आवे ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
नोट-- तीयन = सब्जी
बहार आने से पहले फूल खिल जाए ।
तो तुम याद आते हो ।
सुबह होने से पहले नींद उचट जाए ।
रात आने से पहले ही नींद आ जाए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
इतने दुश्मनों के बीच कोई दोस्त दीख जाए ।
जैसे इन्सानों के बीच कोई फरिश्ता दीख जाए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
जब कोई पराया अपना सा लगने लगें ।
जब अपना कोई पराया सा दीखने लगें ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
बेटियां सड़क पर खुलेआम घुमती नजर आए ।
मधुबन की गलियों में गोपियां सी नजर आए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
जब बेटे सारे नौकरी करते दीख जाए ।
सबके रोटी के उपर तीयन दीख जाए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
इतनी जिल्लत, परेशानी इतनी महगांई ।
इसपर भी कोई इन्सान हंसता दीख जाए।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
बच्चें के पीठ पर गधे सा लदा बस्ता ।
मदरसे में पढ़ाई गर दीख जाए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
मौत आने से पहले ज़िन्दगी चली जाए ।
ज़िन्दगी बची रहे और मौत आ जाए ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
आंसू आंखों से निकलना छोड़ दें ।
दिल जीते जी धड़कना छोड़ दें ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
पीद्दी सा कोई देश हमको ललकारे ।
रक्षक हमारे कंधे पर चढ़कर आवे ।
तो तुम बहुत याद आते हो ।
नोट-- तीयन = सब्जी
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