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ओल / जिमीकंद

ओल का उपयोग सब्जी ,चोखा तथा अचार बनाने में किया जाता। इसमें एक मुहंतोड़ काटने वाला होता जिसमें खटाई डालकर बनाई जाती है। इसे देशी और भी कहते हैं ।इसकी सब्जी बहुत स्वादिष्ट होती है।
(१) कब लगानी है? -- मार्च से जून तक लगा सकते हैं। कम से कम आधा किलों के कंद रोपे
(२) मिट्टी-- इसे दोमट या बलूच मिट्टी पसंद है।
(३)-- रोपने से पहले कंद को जूतियां के घोल से उपचारित कर लें।
(४) गढ़ें में रोपने से पहले मिट्टी में एक चम्मच विरंजक चूर्ण मिला लें।
(५) गढ़े में करीब दो किलो गोबर खाद, बीस ग्राम अमोनियम सल्फेट या इसके बदले दस ग्राम यूरिया , तीस ग्राम सिंगल ,सुपर फास्फेट , पन्द्रह ग्राम पोटैसियम सल्फेट डालकर थोपें।
(६) रोपने के तीन महीने बाद यूरिया की पहले वाली मात्रा दें।
(७) निकाई गुराई दो महीने बाद और तीन महीने बाद करें।
(८) पानी जमा न होने दें।
(९) आयुर्वेद में इससे बहुत सी दवाईयां बनती है। यह दमा, पेंचिस रक्त विकार इत्यादि में लाभदायक है।

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