अपने बचपन में एक पौधों से बहुतों ने खेला होगा,जिसे शर्मीली या लाजवंती भी कहते हैं। यह पौधा छूने से अपनी पत्तियों को बंद कर लेता है।कुछ देर बाद फिर से इसकी पत्तियां खुल जाती है।इसे सेन्सेटीव प्लान्ट भी कहते हैं।यह एक आयुर्वेदीक पौधा है।बहुत से बिमारियों में इसका दवा के रूप में प्रयोग होता है।
(१) यह एक जंगली पौधा है जिसे बीज या कटिंग से लगा सकते हैं।
(२) मिट्टी- इसे बलूई मिट्टी में लगाए।
(३) धूप - इसे अच्छी धूप चाहिए।
(४)पानी-पानी का कोई खाश परेशानी नहीं है।ज्यादा कम सब चलेगा, हां अगर गमले में लगानी है तो पानी कम दें।
(५) कटिंग- बरसात में लगाए अच्छे परिणाम मिलेंगें।बीज कभी भी लगाए, गर्मी छोड़कर।
(६)उपयोग-इसके बहुत से उपयोग है। परन्तु पूरी जानकारी लेकर उपयोग करें।
बाबासिर, ज्वाईन्ट पेंन, मधुमेह,बर्ड प्रेशर,दस्त, कीड़ा काटने पर पीसकर लगाएं।बाल गीले या कमजोर होने पर।घाव होने में उपयोग करते हैं।
(७) लाजवंती में गर्मी में गुलाबी रंग के फूल भी आते हैं जो देखने में खूबसुरत होते हैं।
(८) इसको दवा के रूप में गर्भवती महिला ना लें।
(१) यह एक जंगली पौधा है जिसे बीज या कटिंग से लगा सकते हैं।
(२) मिट्टी- इसे बलूई मिट्टी में लगाए।
(३) धूप - इसे अच्छी धूप चाहिए।
(४)पानी-पानी का कोई खाश परेशानी नहीं है।ज्यादा कम सब चलेगा, हां अगर गमले में लगानी है तो पानी कम दें।
(५) कटिंग- बरसात में लगाए अच्छे परिणाम मिलेंगें।बीज कभी भी लगाए, गर्मी छोड़कर।
(६)उपयोग-इसके बहुत से उपयोग है। परन्तु पूरी जानकारी लेकर उपयोग करें।
बाबासिर, ज्वाईन्ट पेंन, मधुमेह,बर्ड प्रेशर,दस्त, कीड़ा काटने पर पीसकर लगाएं।बाल गीले या कमजोर होने पर।घाव होने में उपयोग करते हैं।
(७) लाजवंती में गर्मी में गुलाबी रंग के फूल भी आते हैं जो देखने में खूबसुरत होते हैं।
(८) इसको दवा के रूप में गर्भवती महिला ना लें।
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