मधुमेह के लिए लाजबाव पौधा जो की बिमारियों में लाभदायक है।इसे Costus spiral flag नाम से भी जाना जाता है। भारत में हिमाचल तथा काश्मीर में अधिकतर पाया जाता है।यह बहुवर्षीय पौधा है। यह शरीर में इन्सूलीन बनाता है। इसके पत्ते बड़े स्वाद में खटृटे होते हैं।
(१) मिट्टी -- हर तरह की मिट्टी में आसानी से लग जाता है।
(२) खाद-- गोबर की खाद दें।
(३) पानी -- कम देनी है इसके कंद अदरक जैसे होते हैं जो अधिक पानी से गल जाएंगे।
(४) इसको कंद से, कटिंग से यह या नीचे आने वाले नन्हें पौधों से लगता है। इसे बरसात में आसानी से लगा सकते है।
(५) फूल -- इसमें फूल भी आते हैं जो उजले रंग के सुंदर दिखते हैं।
मैं इसके मेडिसिनल गुण की चर्चा करना चाहती हूं। निम्नलिखित बिमारियों से राहत मिलेगी।
(१) बुखार
(२) अस्थमा
(३) ब्रोंकाइटिस
(४) ब्लड सुगर
(५) कैंसर
(६) लीवर
(७) किडनी
(८) बर्ड प्रेशर
(९) गले की बिमारी
(१०) पेशाब में परेशानी
(११) पेन्क्रियाज हेल्दी
(१२) पेट की बिमारी
(१३) चेहरे की सुंदरता
(१४) कालस्ट्रोल सही करता है।
आयुर्वेदिक दवाओं में इसका उपयोग होता हैं।
(१)कैसे करें-- पत्ते सूखाकर पाउडर बना कर
(२) चाय बनाकर मधु डालकर।
(३) सुगर २०० से अधिक होने पर दो पत्ते चबाकर खाएं, और भी अधिक होने पर चार पत्ते सुबह-शाम सेवन करें। जूस निकाल कर भी उपयोग कर सकते हैं।
इसमे बहुत से ऐसे तत्व है जो पाचन-क्रिया को ठीक करता है। किडनी में स्टोन नहीं बनता। इसके पत्ते एन्टीबैक्टेरियल है।
नोट - गर्भवती महिला ना खाएं।
(१) मिट्टी -- हर तरह की मिट्टी में आसानी से लग जाता है।
(२) खाद-- गोबर की खाद दें।
(३) पानी -- कम देनी है इसके कंद अदरक जैसे होते हैं जो अधिक पानी से गल जाएंगे।
(४) इसको कंद से, कटिंग से यह या नीचे आने वाले नन्हें पौधों से लगता है। इसे बरसात में आसानी से लगा सकते है।
(५) फूल -- इसमें फूल भी आते हैं जो उजले रंग के सुंदर दिखते हैं।
मैं इसके मेडिसिनल गुण की चर्चा करना चाहती हूं। निम्नलिखित बिमारियों से राहत मिलेगी।
(१) बुखार
(२) अस्थमा
(३) ब्रोंकाइटिस
(४) ब्लड सुगर
(५) कैंसर
(६) लीवर
(७) किडनी
(८) बर्ड प्रेशर
(९) गले की बिमारी
(१०) पेशाब में परेशानी
(११) पेन्क्रियाज हेल्दी
(१२) पेट की बिमारी
(१३) चेहरे की सुंदरता
(१४) कालस्ट्रोल सही करता है।
आयुर्वेदिक दवाओं में इसका उपयोग होता हैं।
(१)कैसे करें-- पत्ते सूखाकर पाउडर बना कर
(२) चाय बनाकर मधु डालकर।
(३) सुगर २०० से अधिक होने पर दो पत्ते चबाकर खाएं, और भी अधिक होने पर चार पत्ते सुबह-शाम सेवन करें। जूस निकाल कर भी उपयोग कर सकते हैं।
इसमे बहुत से ऐसे तत्व है जो पाचन-क्रिया को ठीक करता है। किडनी में स्टोन नहीं बनता। इसके पत्ते एन्टीबैक्टेरियल है।
नोट - गर्भवती महिला ना खाएं।
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