स्वीट पोटैटो वाईन पेरू से होते हुए सारे संसार में पहुंच गया है। कुछ जगहों पर तों यह मुख्य भोजन है। आज घर-घर में अॉरनामेन्टल प्लान्ट के रूप में लगाया जाता है। चलिए आज इस पौधे के बारे में कुछ जानकारी शेयर कर लेते हैं।
(१) कहां लगाएं-- इसे खाने के लिए खेतों में लगाया जाता है। पौधे से पौधे की दूरी एक फूट रखें। इसमें कंद बनते हैं जिसे खाया जाता है।यह पौधे का जड़ होता है जबकि आलू तना है।
(अ) हर तरह की मिट्टी में होता है।
(आ) गमले में, हैंगिग पौट,खाली स्थान को भरने के लिए ,एक जगह की पौधों को सजाने के लिए लगानी हो तो मिट्टी में रेत मिला लें।
(२) धूप-- खेत में तो धूप चलेगा लेकिन गमले को छायवाली धूप में रखें।
(३) कैसे लगाएं-- यह लत्तर वाली बेल है आसानी से कटिंग से लगा सकते है। साथ ही इसे कंद से भी लगा सकते है।
(४) खाद- कम्पोस्ट, गोबर खाद, लिक्विड फर्टिलाइजर तथा NPK दे सकते है।
(५) पानी-- पानी अधिक नहीं दें। पत्ते का पीला होना ओवरवाटरिंग दर्शाता है।
(६) कब लगाएं-- गर्मी से बरसात तक इसे लगा सकते है।
(१) कहां लगाएं-- इसे खाने के लिए खेतों में लगाया जाता है। पौधे से पौधे की दूरी एक फूट रखें। इसमें कंद बनते हैं जिसे खाया जाता है।यह पौधे का जड़ होता है जबकि आलू तना है।
(अ) हर तरह की मिट्टी में होता है।
(आ) गमले में, हैंगिग पौट,खाली स्थान को भरने के लिए ,एक जगह की पौधों को सजाने के लिए लगानी हो तो मिट्टी में रेत मिला लें।
(२) धूप-- खेत में तो धूप चलेगा लेकिन गमले को छायवाली धूप में रखें।
(३) कैसे लगाएं-- यह लत्तर वाली बेल है आसानी से कटिंग से लगा सकते है। साथ ही इसे कंद से भी लगा सकते है।
(४) खाद- कम्पोस्ट, गोबर खाद, लिक्विड फर्टिलाइजर तथा NPK दे सकते है।
(५) पानी-- पानी अधिक नहीं दें। पत्ते का पीला होना ओवरवाटरिंग दर्शाता है।
(६) कब लगाएं-- गर्मी से बरसात तक इसे लगा सकते है।
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