भूल कर भी ना जाए कभी दुश्मन के खेमे में।
बहुत से दोस्त पुराने आपके आदाव बजाएंगे।
जो थे कभी अपने आपके दोस्तों के दायरे में।
वो खामियां आपकी गिनाते नज़र वो आएगे।
समय का दौर आपको तोड़ कर रख देगा।
जी चाहे रोए या गाऐ बस अपने ही कमरे में।
वक्त ऐसा भी आएगा सोचा भी ना होगा।
जो रोटी मांगते थे आज वो माखन उड़ाएंगे।
वक्त वक्त की बात है तू दिल पर पत्थर तो रख लें।
उड़ने वाले कभी न कभी जमीं पर भी तो आएगे।
जो तेरा न हो सका वो भला उनका क्या होगा।
तेरे दुश्मन भी समझ जाएंगे बस चंद घंटों में ।
दुर्भाग्य तेरा था इसमें उनकी खता क्या थी।
इस दौर में भी इंसानियत की बात करते हो।
बहुत से दोस्त पुराने आपके आदाव बजाएंगे।
जो थे कभी अपने आपके दोस्तों के दायरे में।
वो खामियां आपकी गिनाते नज़र वो आएगे।
समय का दौर आपको तोड़ कर रख देगा।
जी चाहे रोए या गाऐ बस अपने ही कमरे में।
वक्त ऐसा भी आएगा सोचा भी ना होगा।
जो रोटी मांगते थे आज वो माखन उड़ाएंगे।
वक्त वक्त की बात है तू दिल पर पत्थर तो रख लें।
उड़ने वाले कभी न कभी जमीं पर भी तो आएगे।
जो तेरा न हो सका वो भला उनका क्या होगा।
तेरे दुश्मन भी समझ जाएंगे बस चंद घंटों में ।
दुर्भाग्य तेरा था इसमें उनकी खता क्या थी।
इस दौर में भी इंसानियत की बात करते हो।
0 Comments