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Fig / अंजीर

आइए आज एक सबसे आसानी से होने वाले फल जो हमारे लिए काफी फायदेमंद है। इसे लगाया जाए। इसकी बहुत वेराइटी मिलती है।
(१) कहां लगाएं-- इसे जमीन या बड़े पौट में लगा सकते है। जमीन में डेढ़ दो फीट का गढ़ा खोदकर पन्द्रह दिनों तक छोड़ने के बाद गोबर खाद, नीम खल्ली, नाईट्रोजन , फास्फोरस और पोटाश वाली खाद डालकर गढ़े को भर देनी है। पौधों को पन्द्रह बीस फीट की दूरी पर लगानी चाहिए।
(२) कैसे लगाएं-- अंजीर को बीज एयरलेयरिग या कटिंग से लगा सकते है।
(३) मिट्टी-- दोमट मिट्टी अच्छी रहेगी। गमले में ड्रेनेज सिस्टम अच्छी रहें। PH-6 से 6.5 रहे। गमले को जरुरत होने पर बदल सकते है।
(४) धूप-- अंजीर को पूरी धूप चाहिए।
(५) पानी-- एक इंच मिट्टी सूखने पर पानी देने है, गमले में अधिक पानी देने पर सकते हैं।
(६) कहां अधिक मिलता-- गुजरात, उत्तर प्रदेश,उतराख उत्त, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में अधिक पाया जाता है।
(७) कटिंग-- बरसात में २५ से. मी. की एक साल पुरानी टहनी से लें।
(८) फूल-- फल आने में तीन साल लगते हैं, पहले साल से दूसरे या फिर तीसरे साल में फलों की संख्या बढ़ती जाती है
फल पकने पर लाल हो जाता है। बिन पके फल नहीं तोड़े। पेड़ से निकाल लेने पर नहीं पकते हैं। फलों को सीधे या सूखाकर खाया जाता है।
(९) खाद- साल में एक बार या दो बार ८.८.८ खाद फल आने से पहले दें। साथ ही कम्पोस्ट,समुन्द्री घास, पत्तेवाली खाद, गोबर खाद, नीम खल्ली हर महीने दें।
(१०) जाड़े में गमले को अधिक ठंड से बचने के लिए अंदर ले जाए।
(११) कांट-छांट-- जाड़े में शेप में रखने के लिए पौधे को कांट छांट कर सकते हैं।

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