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आवरा- का- डावरा

आज चर्चा करती हू एक ऐसे गुलाब की जिसमे काटे नही होते। गुलाब जो सबका प्यारा है। यह स्वार्थी किस्म का पौधा है। अपने आसपास और पौधे का रहना इसे पसंद नही है। एक और बात बताऊ यह बहुत पेटू पौधा है ,हमेशा भोजन चाहिए । इसके की किस्मे है। देशी गुलाब की सुगंध बहुत प्यारी होती है। इसके बाद इगलीश गुलाब या ग्राफटेड गुलाब आते है। कुछ मे खुशबू होती है किसी मे नही होती है। यहा इसकी उस किस्म की बाते करूगी जो बिना काटे का होता है।
(1) आवरा का डावरा गुलाब आपको पूरी गर्मी मे भी फूल देगा। साथ ही इसके मैरून रंग मे पीली धारिया आपको मोहित कर लेगी।
(2) गुलाब का पौधा एसीडिक मिट्टी पसंद करता है। मिट्टी एसीडिक नही रहने पर फूल देना बंद कर सकता है।
(3) इसे गमले और जमीन मे लगाए जा सकते है।
(4) गमले मे लगानी हो तो मिट्टी मे रेत मिलाकर लगाए। पानी रूकनी नही चाहिए ।फंगस लगने और जड़ खड़ाब हो सकते है।
(5) धूप-  गुलाब को डायरेक्ट धूप चाहिए । कमसे कम 4-5 घंटे की धूप ।
(6) पानी- पानी चाहिए लेकिन रूके नही।
(7) खाद-  गोबर की खाद, पत्ते की खाद, रोज फर्टिलाइजर, चाय पत्ती, बोनमील और  केमिकल फर्टिलाइजर पन्द्रह दिन पर दे।
(8) सफाई-  गुलाब को गंदगी पसंद नही। गुड़ाई कर फालतू पौधे हटाते रहे। सूखी टहनी और फूल हटा दिया करे।
(9) ग्राफटेड के नीचे से निकलने वाले ब्रांच हटा दिया जाए ।
(10) पेस्ट-  कोई भी बिमारी ऐसी नही जो इसमे न लगती हो।आप नीम आयल,  गो मूत्र का उपयोग कम से कम महीने मे एक बार अवश्य करे।
(11) यदि पौधा किसी पेस्ट के चगूल मे आ गया हो तो कन्फीडोर नामक दवा का छिड़काव करे।
(12) मलचिग-  आप गुलाब की मलचिग करना न भूले। धान भूसी की मलचिग अच्छी रहती है। भूसी सड़कर मिट्टी को एसीडिक बनाती रहती है। मिट्टी की   PH 5.5 - 7 गुलाब के लिए  बेहतर है।
(13) जितने फूल उतने डिजाइन के साथ मौसम के अनुसार  रंग भी बदलते है।
(14) कुछ पौधे इसके दोस्त है जो गुलाब को पेस्ट से बचाते है।
नोट- अधिक  जानकारी के लिए बोकारो गार्डन चैनल पर विडियो देखे।

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