लगता तो था वो मासूम सा न जाने कैसे बदल गया।
बेवफा वो लगता न था जाने कैसे बेवफाई कर गया।
जब कभी भी वह शख्स मुझे भूलने की दुआ करे।
तू ऐसा करना ऐ खुदा उसकी दुआ मे असर न हो।
पत्थर को दिल बनाने मे मैने तमाम उम्र गुजार दी।
दिल को पत्थर बना सकू इतनी उम्र अब बचा नही।
ख्वाब मे वो गर आए कभी उस रात की कभी सुबह न हो।
ख्वाबो मे उसके ही ख्वाब हो उसके सिवा कुछ दिखे नही।
उसके आखो के आईने मे जरा मै अपनी जुल्फे सवार लू।
उसकी महक से ऐ खुदा मै ताउम्र उस सा ही महका करू ।
इतनी इलत्जा है मेरी उसे मेरी मौत की कोई खबर न दे।
उसने आखो मे जो रखी है छवि मेरी आसू बन गिरा न दे।
0 Comments