आइस प्लांट फूलो से प्यार करने वालो के लिए जाना पहचाना नाम है।यह बगीचे की सुन्दरता मे चार चांद लगा देता है।
(1) इसे बीज से लगाया जाता है। इसके बीज अक्टूबर मे लगाए जाते है। इनको बीज से लगाने मे आनेवाली परेशानी है चिड़िया, यह बीज तो बीज नन्हे पौधो को भी खा जाती है।
(2) यह सकूलेन्ट साथ पत्तो मे पानी वाला पौधा है। इसके पत्तो की बनावट कुछ ऐसी होती है जैसे पत्तो पर बर्फ जमे हो। शायद इसके नामकरण के पीछे यही कारण हो।
(3) यह बहुत नाजुक पौधा होता है। यह धीरे धीरे बढता है।
(4) इसके बीज बहुत छोटे होते है। बीज को रेत मे मिलाकर लगाए ।
(5) मिट्टी अच्छी ड्रेनेज वाली रखे पानी रूकनी नही चाहिए।
(6) पानी- पानी कम दे यानि मिट्टी सूखने पर दे। याद रखे यह सकूलेन्ट है।
(7) फूल- इसके पौधो से आप कई रंग के फूल पास सकते है।
(8) कहा लगाए- इसे जमीन, गमले या हैगींग पौट मे लगाए।
(9) खाद- जमीन या पौट मे गोबर खाद, कम्पोस्ट सीधे दे हैगींग पौट मे तरल खाद महीने मे एक बार दे।
(10) धूप- एक बात आइस प्लांट के साथ अच्छी है इसे डायरेक्ट धूप नही चाहिए। जिनके बगीचे मे कम धूप हो लगा सकते है।
(11) फूल फरवरी से मई तक आते है। एक विशेषता और अगर आप जहा रहते वहा चिलचिलाती गर्मी न हो तो यह फूल देते रह जाता है।
(12) कीट- आपके लिए खुशखबरी है इसपर कीट का प्रकोप नही होता, लेकिन चिड़ियो से आपको बचानी होगी।
नोट- अधिक जानकारी के लिए आप मेरे चैनल बोकारो गार्डन पर विडियो देख सकते है। धन्यवाद ।
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