धतूरा एक जहरीला पौधा है। इसे अक्सर हम अपने बगीचे में नहीं लगाते। इसके फूल उजले और लम्बे देखने में खूबसूरत होते हैं। हिन्दुओं के पूजा में इसके फल और फूल भगवान शिव को चढ़ाएं जाते हैं।
आइए आज हम इसके लाभ की ऐसी जानकारी आपसे शेयर करते हैं जो जानने के बाद आप इसे अपने बगीचे में जरुर स्थान देंगे।
नोट-- मैं आपसे शेयर करना चाहती हूं यदि आप गार्डेनिंग में शौक रखते हैं तो आप यू ट्यूब पर मेरे चैनल बोकारो गार्डेन को सब्सक्राइब करें । आपको वहां हर प्रकार की जानकारी मिलेगी।
साथ ही धतूरा की जानकारी मैं शेयर कर रहीं हूं लेकिन उपयोग करने में सतर्क रहें।
आईए इसके उपयोग जानते हैं---
(1) अस्थमा-- धतूरा के सूखे पत्ते और बीज बराबर मात्रा में लेकर जलाकर राख बना लें। आधी या चौथाई ग्राम राख मधु में मिलाकर सुबह चाटे।
(2) कान--कान में हर प्रकार की परेशानी में लाभदायक है धतूरा। इसके पत्ते का रस 100 ग्राम , लहसुन 25 ग्राम ,नीम पत्ती 10 ग्राम , करु तेल 50 ग्राम धीमी आंच पर अच्छी तरह तैयार करें फिर कान के हर प्रकार की परेशानी में उपयोग करें।
(3) बुखार / खासी-- धतूरा के बीजों को राख बनाकर उपयोग करें।
(4) गर्भ धारण--जिन महिलाओं को गर्भ नहीं ठहरती हो धतूरा के फलों का चूर्ण 2-5 ग्राम , घी आधा चम्मच और मधु मिलाकर चाटने।
(5) कांटा-- शरीर के किसी भी हिस्से में कांटा चुभ गया हो निकल नहीं रहा हो धतूरा के पत्ते पीसकर उसमें गुड़ मिलाकर कांटे लगे जगह पर रखकर कपड़े से बांध दें। कांटा निकल आएगा।
(6) गंजापन--पुरुषो में अक्सर बाल उड़ जाते हैं जिसे गंजापन कहते हैं। इसमें भी धतूरा लाभकारी है। इसमें पत्ते के रस अपने सिर पर लगानी है।
(7) रूसी /डेंड्रफ---रुसी से छुटकारा पाने के लिए भी पत्ते के रस बालों में लगाएं।
(8) स्तन ढीला--ढ़ीले स्तन को ठीक करने के लिए धतूरे के पत्ते में करु तेल लगाकर गर्म करके स्तन पर रखकर कपड़े से बांधा करें। ध्यान रखें पत्ते अधिक गर्म न हो।
(8) अंडवृद्धी--- पुरुष भी पत्ते को करु तेल लगाकर गर्म कर अपने अंडकोष पर कपड़े की सहायता से बाधने से लाभ उठाया जा सकता है।
(9) नामर्दी-- इसमें धतूरे के बीज, अकरकरा और रवि को पीसकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें और एक बार में एक गोली ले।
(10) वावासिर-- वावासिर में धतूरा के फूल और बीज को सूखाकर जलाए। निकलने वाले धुंए से वावासिर के मस्से से सिकाई करें।
(11) जूं-- एक लीटर करु तेल, आधा लीटर धतूरा रस, मिलाकर उपयोग करें।
(12) दर्द / जोड़ों का दर्द -- तील के तेल में धतूरे का रस मिलाकर गर्म करके उपयोग करें।
(13) गठिया-- धतूरा के रस और तील के तेल गरम करके लगाए।
(14) कुत्ता काटने / पागलपन में भी धतूरा के पौधे लाभकारी है।
आइए आज हम इसके लाभ की ऐसी जानकारी आपसे शेयर करते हैं जो जानने के बाद आप इसे अपने बगीचे में जरुर स्थान देंगे।
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आईए इसके उपयोग जानते हैं---
(1) अस्थमा-- धतूरा के सूखे पत्ते और बीज बराबर मात्रा में लेकर जलाकर राख बना लें। आधी या चौथाई ग्राम राख मधु में मिलाकर सुबह चाटे।
(2) कान--कान में हर प्रकार की परेशानी में लाभदायक है धतूरा। इसके पत्ते का रस 100 ग्राम , लहसुन 25 ग्राम ,नीम पत्ती 10 ग्राम , करु तेल 50 ग्राम धीमी आंच पर अच्छी तरह तैयार करें फिर कान के हर प्रकार की परेशानी में उपयोग करें।
(3) बुखार / खासी-- धतूरा के बीजों को राख बनाकर उपयोग करें।
(4) गर्भ धारण--जिन महिलाओं को गर्भ नहीं ठहरती हो धतूरा के फलों का चूर्ण 2-5 ग्राम , घी आधा चम्मच और मधु मिलाकर चाटने।
(5) कांटा-- शरीर के किसी भी हिस्से में कांटा चुभ गया हो निकल नहीं रहा हो धतूरा के पत्ते पीसकर उसमें गुड़ मिलाकर कांटे लगे जगह पर रखकर कपड़े से बांध दें। कांटा निकल आएगा।
(6) गंजापन--पुरुषो में अक्सर बाल उड़ जाते हैं जिसे गंजापन कहते हैं। इसमें भी धतूरा लाभकारी है। इसमें पत्ते के रस अपने सिर पर लगानी है।
(7) रूसी /डेंड्रफ---रुसी से छुटकारा पाने के लिए भी पत्ते के रस बालों में लगाएं।
(8) स्तन ढीला--ढ़ीले स्तन को ठीक करने के लिए धतूरे के पत्ते में करु तेल लगाकर गर्म करके स्तन पर रखकर कपड़े से बांधा करें। ध्यान रखें पत्ते अधिक गर्म न हो।
(8) अंडवृद्धी--- पुरुष भी पत्ते को करु तेल लगाकर गर्म कर अपने अंडकोष पर कपड़े की सहायता से बाधने से लाभ उठाया जा सकता है।
(9) नामर्दी-- इसमें धतूरे के बीज, अकरकरा और रवि को पीसकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें और एक बार में एक गोली ले।
(10) वावासिर-- वावासिर में धतूरा के फूल और बीज को सूखाकर जलाए। निकलने वाले धुंए से वावासिर के मस्से से सिकाई करें।
(11) जूं-- एक लीटर करु तेल, आधा लीटर धतूरा रस, मिलाकर उपयोग करें।
(12) दर्द / जोड़ों का दर्द -- तील के तेल में धतूरे का रस मिलाकर गर्म करके उपयोग करें।
(13) गठिया-- धतूरा के रस और तील के तेल गरम करके लगाए।
(14) कुत्ता काटने / पागलपन में भी धतूरा के पौधे लाभकारी है।
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