गर्मी हमारे साथ पौधों के लिए भी असहनीय हौती है। हर गार्डेनर चाहते हैं उनके पौधे स्वस्थ रहें। कुछ पौधे सीजनल नहीं होते हुए भी अत्यधिक गर्मी को सहन नहीं कर पाते और मर जाते हैं। आज कुछ चर्चा इसपर की जाए कैसे हम अपने पौधों को भीषण गर्मी से राहत दिला सकते हैं।
(1) सबसे पहले हम ग्रीनहाउस या ग्रीन नेट की व्यवस्था कर पौधों को राहत पहुंचा सकते हैं। इस तरह पौधे सूर्य की डायरेक्ट हीट से बचेगब।
यदि यह संभव नहीं तो:--
(अ)- छोटे-छोटे पौधों को बड़े पौधों के बीच रख दें।
(,आ)- गमलों की दो कतार बना दे ताकि सूर्य एक तरफ से लगे दूसरी ओर से दूसरे गमले रोक ले।
(इ)-- गमले को दोपहर की धूप में छांव में ले जाए।
(2) पानी-पानी की अच्छी व्यवस्था करें।
(अ) ड्रीप से सिचाई बेहतर होगी।
(आ) सुबह में पानी दे। अगर संभव नहीं हो तो सूर्यास्त के बाद, दोपहर में पानी नहीं दे।
(इ) गर्मी के दिनों में एक से अधिक बार भी पानी देनी हो सकती है। गमले की मिट्टी में नमी रखें।
(ई) पानी से पत्ते पर भी छिड़काव करें। पत्ते साफ होंगे तो फोटोसिन्थेसिस की अररिया और श्वसन में सुविधा होगी। साथ ही पौधे सुन्दर दिखेंगे।
(3) मलचिम-- पौधों को धान भूसी,पुआल, सूखे पत्ते या कागज़ से मलचिग करें। मलचिग से गमले की मिट्टी गर्म नहीं होगी और जड़ के जलने का खतरा नहीं रहेगा।
(4) कर पतवार-- फालतू पौधों को निकाल दिया करें। यह खाद पानी लेते रहेगे तों इसका असर आपके पौधों पर होगा।
(5)काट कांट--- पौधों के सड़े गले पत्ते टहनियों को हटाते रहें। सफाई से पनपने वाले कीट नहीं लग पाएंगे।
(6) खाद-- अक्सर लोगों को भ्रम रहता है कि गरमी में खाद नहीं देनी है। यहां में इस बात को साफ कर दूं ऐसी बात नहीं है। हमें गरमी में भी पौधों में खाद देनी है। हमें ज्ञात हैं कुछ पौधे जाड़े में डोरमेट में होते हैं। फरवरफ़ से उनकी बढ़ोतरी शुरू होती है।
आपको खाद देनी है परन्तु कैमीकल नहीं आप गोबर खाद, बौनमील, केंचुआ खाद पन्द्रह है बीस दिनों में दिया करें।
(7) गरमी के दिनों में कीटों का भी प्रकोप होता है। आप पौधों पर नीम आयल, गोमूत्र या कोई भी आर्गेनिक कीटनाशक का छिड़काव किया करें।
(8) भीषण गर्मी से बचाने के लिए आप पंखों की व्यवस्था कर सकै तो बहुत अच्छी बात है।
(9) ए.सी. से निकलने वाली गर्म हवा के पास पौधों को नहीं रखें।
(10) सीमेंट के फर्श पर यदि गमले है तो उसे जमीन में कर दें। यदि ऐसा करना संभव नहीं हो तो गमले के नीचे ठीकरी डाल दें ताकि गमले फर्श के सन्सर्ग में नहीं यहे।
(11) किसी बर्तन में पानी डालकर उसमें पत्थर के टुकड़े पर गमले को रखें। वाष्पीकरण की क्रिया जहां होती है वहां ठंडक होती है।
(12) पौधों पर पुरानी चादर या कोई कपड़े से छाया कर दें।
नोट-- अधिक जानकारी के लिए आप मेरे चैनल बोकारो गार्डेन पर विडियो देखने जाएं, पसंद आने पर आप चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर लें।
(1) सबसे पहले हम ग्रीनहाउस या ग्रीन नेट की व्यवस्था कर पौधों को राहत पहुंचा सकते हैं। इस तरह पौधे सूर्य की डायरेक्ट हीट से बचेगब।
यदि यह संभव नहीं तो:--
(अ)- छोटे-छोटे पौधों को बड़े पौधों के बीच रख दें।
(,आ)- गमलों की दो कतार बना दे ताकि सूर्य एक तरफ से लगे दूसरी ओर से दूसरे गमले रोक ले।
(इ)-- गमले को दोपहर की धूप में छांव में ले जाए।
(2) पानी-पानी की अच्छी व्यवस्था करें।
(अ) ड्रीप से सिचाई बेहतर होगी।
(आ) सुबह में पानी दे। अगर संभव नहीं हो तो सूर्यास्त के बाद, दोपहर में पानी नहीं दे।
(इ) गर्मी के दिनों में एक से अधिक बार भी पानी देनी हो सकती है। गमले की मिट्टी में नमी रखें।
(ई) पानी से पत्ते पर भी छिड़काव करें। पत्ते साफ होंगे तो फोटोसिन्थेसिस की अररिया और श्वसन में सुविधा होगी। साथ ही पौधे सुन्दर दिखेंगे।
(3) मलचिम-- पौधों को धान भूसी,पुआल, सूखे पत्ते या कागज़ से मलचिग करें। मलचिग से गमले की मिट्टी गर्म नहीं होगी और जड़ के जलने का खतरा नहीं रहेगा।
(4) कर पतवार-- फालतू पौधों को निकाल दिया करें। यह खाद पानी लेते रहेगे तों इसका असर आपके पौधों पर होगा।
(5)काट कांट--- पौधों के सड़े गले पत्ते टहनियों को हटाते रहें। सफाई से पनपने वाले कीट नहीं लग पाएंगे।
(6) खाद-- अक्सर लोगों को भ्रम रहता है कि गरमी में खाद नहीं देनी है। यहां में इस बात को साफ कर दूं ऐसी बात नहीं है। हमें गरमी में भी पौधों में खाद देनी है। हमें ज्ञात हैं कुछ पौधे जाड़े में डोरमेट में होते हैं। फरवरफ़ से उनकी बढ़ोतरी शुरू होती है।
आपको खाद देनी है परन्तु कैमीकल नहीं आप गोबर खाद, बौनमील, केंचुआ खाद पन्द्रह है बीस दिनों में दिया करें।
(7) गरमी के दिनों में कीटों का भी प्रकोप होता है। आप पौधों पर नीम आयल, गोमूत्र या कोई भी आर्गेनिक कीटनाशक का छिड़काव किया करें।
(8) भीषण गर्मी से बचाने के लिए आप पंखों की व्यवस्था कर सकै तो बहुत अच्छी बात है।
(9) ए.सी. से निकलने वाली गर्म हवा के पास पौधों को नहीं रखें।
(10) सीमेंट के फर्श पर यदि गमले है तो उसे जमीन में कर दें। यदि ऐसा करना संभव नहीं हो तो गमले के नीचे ठीकरी डाल दें ताकि गमले फर्श के सन्सर्ग में नहीं यहे।
(11) किसी बर्तन में पानी डालकर उसमें पत्थर के टुकड़े पर गमले को रखें। वाष्पीकरण की क्रिया जहां होती है वहां ठंडक होती है।
(12) पौधों पर पुरानी चादर या कोई कपड़े से छाया कर दें।
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4 Comments
Boht khub
ReplyDeleteHood
ReplyDeleteHood
ReplyDeleteGood
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