अपने घर में उगी सब्जियों की बात ही निराली है। जो खाने के साथ पेड़ों में लगे देखने में भी आंखों को भी ठंडक पहुंचाते हैं। आज महानगरों में लोगों के पास इतनी जमीन नहीं होती कि सब्जी उगाए। सबसे पहले बागवानी को अपना शौक बनाए फिर देखिए कैसे हो जाती है, सारी परेशानी दूर।
मैं आज आपसे इसी विषय पर चर्चा करना चाहती हू कि कोई जरुरी नहीं आपके पास काफी जमीन हो। आप चाहें तो अपने छत, बालकनी और जंगले पर भी खेती कर अपनी रसोई में आर्गेनिक सब्जी पका सकते हैं।
(1) सबसे पहले मैं बात करूं तो --आपने ऐसी सब्जी लगानी है, जिसमें खास परेशानी न हो।
जैसे पुदीना, धनिया,पालक,या फिर तुलसी जैसी पौधे। अक्सर हम जोश में आकर एक बार ढ़ेरों पौधे लगा लेते और अच्छी जानकारी या देखभाल के अभाव में पौधे मर जाते और हमें निगेटिव कर जाते हैं। यह काम मुश्किल नहीं है। हां जरुरत है आपमें धैर्य की।
किसी भी काम की शुरुआत धीरे धीरे करें। माली से या विडियो देखकर अपनी जानकारी बढाते जाए , साथ ही पौधे भी बढाते चले।
(2) पौट- सबसे पहले पौधों के लिए पौट चाहिए। मैं थोड़ा सा हिंट कर दू-- आप थर्मोकोल के पौट अपने बालकनी या छत पर लगा सकते। साथ ही घर में टूटे टब, बाल्टी ,तेल डब्बे या फिर कोल्डड्रिंक के बोतल में पौधे लगा सकते, जिन्हें जंगले पर भी रखा जा सकता है।
(3) मिट्टी-- वैसे तो अब हाइड्रोपोनिक खेती भी अच्छी चल रही है। बहुत से पौधे पानी में उगाए जा सकते हैं। (मेरे चैनल बोकारो गार्डेन पर जाकर आप विडियो देख सकते हैं, में ने इस पर विडियो डाली है)
यहां मैं मिट्टी में लगाए जाने की बात करूंगी। मिट्टी में कम्पोस्ट, गोबर खाद वर्मी कम्पोस्ट के साथ रेत (बालू) मिलाकर एक सप्ताह छोड़ दें, फिर एक सप्ताह बाद बीज या पौधे लगाए।
पुदीना,तुलसी, धनिया ,मेरी,करी पत्ता से होते हुए आप भिन्डी,लौकी, टमाटर,बैंगन, मिर्च,सांग, गाजर, मूली, गोभी, नींबू सब कुछ अपने गमले में लगा सकते है।
(4) पानी-- हरेक पौधों को पानी की जरूरत होती है। आपको पानी देने में सावधानी रखनी है जब मिट्टी सूखी लगे (उंगली से) तभी पानी दे। कम पानी से जितने पौधे नहीं मरते , उससे अधिक पानी देने से, उनकी जड़ गल जाती है।
(5) खाद- पौधों को 15-20 दिनों के अंतराल पर आर्गेनिक खाद दिया करें। बहुत सी खाद तो आपके रसोईघर से ही मिल जाया करेगी जैसे- सब्जी के छिलके, चाय पत्ती, बचे हुए तसले के धोवन जिसमे आपने दूध या दही रखी हो।
( इन सब फर्टीलाइजर पर मेरे चैनल पर विडियो होगी)
इसके अलावा गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट , बोनमील, या फिर हर प्रकार की खल्ली।
यथासंभव केमिकल खाद से बचें।
(6) देखभाल- अपने बच्चों के जैसे पौधों का भी ख्याल रखें। समय पर खाद पानी दे। बहुत ज्यादा थूप या ढ़ड से बचाए। कीट लगने से बचाने के लिए नीम आयल, गोमूत्र का छिड़काव करें। इनको कैसे बनानी है और कैसे उपयोग करनी है आप मेरी विडियो में देख सकते हैं।
(7) सावधानी--(अ) मिट्टी हल्की , गमले में ड्रेनेज होनी चाहिए।
(8) बीज या कटिंग लगाने पर धैर्य रखें, हरेक बीज या कटिंग के पौधा बनने का समय अलग
होता है । साथ ही यह जलवायु पर भी निर्भर करता है।
(9) बीज को कुरेद कर या कटिंग को उखाड़ कर नहीं देखे। पानी भी अहिस्ते से डालें।
(10) शुरू में मौसमी फल या सब्जी ही उगाए। समाप्त होने पर फिर से पौट आपको मिल जाएंगे।
नोट-- अधिक जानकारी के लिए मेरे चैनल बोकारो गार्डेन को सब्सक्राइब कर लें आपको वहां विडियो के साथ आपके बागवानी में आनेवाले हरेक प्रश्नो के उत्तर मैं दिया करती हूं।
मैं आज आपसे इसी विषय पर चर्चा करना चाहती हू कि कोई जरुरी नहीं आपके पास काफी जमीन हो। आप चाहें तो अपने छत, बालकनी और जंगले पर भी खेती कर अपनी रसोई में आर्गेनिक सब्जी पका सकते हैं।
(1) सबसे पहले मैं बात करूं तो --आपने ऐसी सब्जी लगानी है, जिसमें खास परेशानी न हो।
जैसे पुदीना, धनिया,पालक,या फिर तुलसी जैसी पौधे। अक्सर हम जोश में आकर एक बार ढ़ेरों पौधे लगा लेते और अच्छी जानकारी या देखभाल के अभाव में पौधे मर जाते और हमें निगेटिव कर जाते हैं। यह काम मुश्किल नहीं है। हां जरुरत है आपमें धैर्य की।
किसी भी काम की शुरुआत धीरे धीरे करें। माली से या विडियो देखकर अपनी जानकारी बढाते जाए , साथ ही पौधे भी बढाते चले।
(2) पौट- सबसे पहले पौधों के लिए पौट चाहिए। मैं थोड़ा सा हिंट कर दू-- आप थर्मोकोल के पौट अपने बालकनी या छत पर लगा सकते। साथ ही घर में टूटे टब, बाल्टी ,तेल डब्बे या फिर कोल्डड्रिंक के बोतल में पौधे लगा सकते, जिन्हें जंगले पर भी रखा जा सकता है।
(3) मिट्टी-- वैसे तो अब हाइड्रोपोनिक खेती भी अच्छी चल रही है। बहुत से पौधे पानी में उगाए जा सकते हैं। (मेरे चैनल बोकारो गार्डेन पर जाकर आप विडियो देख सकते हैं, में ने इस पर विडियो डाली है)
यहां मैं मिट्टी में लगाए जाने की बात करूंगी। मिट्टी में कम्पोस्ट, गोबर खाद वर्मी कम्पोस्ट के साथ रेत (बालू) मिलाकर एक सप्ताह छोड़ दें, फिर एक सप्ताह बाद बीज या पौधे लगाए।
पुदीना,तुलसी, धनिया ,मेरी,करी पत्ता से होते हुए आप भिन्डी,लौकी, टमाटर,बैंगन, मिर्च,सांग, गाजर, मूली, गोभी, नींबू सब कुछ अपने गमले में लगा सकते है।
(4) पानी-- हरेक पौधों को पानी की जरूरत होती है। आपको पानी देने में सावधानी रखनी है जब मिट्टी सूखी लगे (उंगली से) तभी पानी दे। कम पानी से जितने पौधे नहीं मरते , उससे अधिक पानी देने से, उनकी जड़ गल जाती है।
(5) खाद- पौधों को 15-20 दिनों के अंतराल पर आर्गेनिक खाद दिया करें। बहुत सी खाद तो आपके रसोईघर से ही मिल जाया करेगी जैसे- सब्जी के छिलके, चाय पत्ती, बचे हुए तसले के धोवन जिसमे आपने दूध या दही रखी हो।
( इन सब फर्टीलाइजर पर मेरे चैनल पर विडियो होगी)
इसके अलावा गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट , बोनमील, या फिर हर प्रकार की खल्ली।
यथासंभव केमिकल खाद से बचें।
(6) देखभाल- अपने बच्चों के जैसे पौधों का भी ख्याल रखें। समय पर खाद पानी दे। बहुत ज्यादा थूप या ढ़ड से बचाए। कीट लगने से बचाने के लिए नीम आयल, गोमूत्र का छिड़काव करें। इनको कैसे बनानी है और कैसे उपयोग करनी है आप मेरी विडियो में देख सकते हैं।
(7) सावधानी--(अ) मिट्टी हल्की , गमले में ड्रेनेज होनी चाहिए।
(8) बीज या कटिंग लगाने पर धैर्य रखें, हरेक बीज या कटिंग के पौधा बनने का समय अलग
होता है । साथ ही यह जलवायु पर भी निर्भर करता है।
(9) बीज को कुरेद कर या कटिंग को उखाड़ कर नहीं देखे। पानी भी अहिस्ते से डालें।
(10) शुरू में मौसमी फल या सब्जी ही उगाए। समाप्त होने पर फिर से पौट आपको मिल जाएंगे।
नोट-- अधिक जानकारी के लिए मेरे चैनल बोकारो गार्डेन को सब्सक्राइब कर लें आपको वहां विडियो के साथ आपके बागवानी में आनेवाले हरेक प्रश्नो के उत्तर मैं दिया करती हूं।
3 Comments
Boht khub
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteVery informative.
ReplyDelete