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लेले- अईला- हो- सासु- के- बड़ाई

मै कहानी नही सुना रही सच्ची घटना ब्यान कर रही हूं।
एक छोटे से गाँव मे रहने वाला भोला अपनी मां का इकलौता संतान था। उसके पिता बचपन मे ही चल बसे थे।
मां ने उसे पाल पोस कर बड़ा किया था। 
वह सेना मे भर्ती होने का फार्म भरा तो चाची के साथ सारे गाँव वालो ने समझाया- देख भोला तू अकेला लड़का है। तुमको कुछ हो गया तो तेरी मां को कौन देखेगा।
देश के प्रति भोला की दीवानगी देख सब चुप हो जाते। वह कहता - पहले तो मुझे कुछ होगा नही, मान ले अगर मै नही रहा तो मां के पास इतना होगा कि यह बेटा  तमाम उम्र इतना कमाकर नही दे सकता।
उसकी मां रिश्ते मे चाची लगती थी। हमारी उम्र इतनी थी कि मौत क्या होती हमे पता न था।
एकाएक गांव मे खलवली सी मच गई। समझ मे नही आ रहा क्यो सबकी जुबान पर भोला का ही नाम था। 
हम उम्र बच्चे की टोली मे भी आज यही चर्चा थी। भोला की लाश आ रही है। कोई पूछ बैठता लाश क्या होती है। अपनी बुद्धिमता का परिचय देते हुए दूसरा समझाता -अरे लाश नही जानते ,लाश मरने को कहते है। भोला भाई मर गए। 
भोला भाई मर गए तो कैसे आ रहे , मरकर तो जल जाते है सब। मेरे दादा मर गए तो सबने जला दिया था।
सरकारी गाड़ी आई उसमे से तिरंगे मे लिपटकर भोला का शव आया। सबके आंखो मे आंसू । पूरा का पूरा गाँव गमगीन , औरते दहाड़ मारकर  रो रही थी। कोई चुप था तो वह थी भोला की मां। न रोना न चिखना चिल्लाना। चुपचाप जो कहा जाता करती जाती। किसी ने हाथ मे फूल देकर कहा इसे भोला के पैरो पर डाल दो, भोला चला गया सबको छोड़कर । अपने देश की सीमा पर कुर्बान हो गया।
न जाने एकाएक चाची को क्या हुआ- लगी जोर जोर से हसंने और गाने- एक दिन ला गेल बउआ तुहु ससुररिया ले अईल हो बउआ सासु के बड़ाई।
दरअसल भोला की शादी तै हो चुकि थी। शादी की पूरी खरीदारी हो गई । भोला के कपड़े दुल्हन के सारे गहने वगैरह । शादी मे सगाई के बाद हर दिन गाने वालियो की टोलिया आकर गाने गाती है।
इतने मे सरहद पर जंग छिड़ने की ख़बर आई और भोला आनन-फानन सरहद पर चला गया। शादी के तारीख बढ़ा दिए गए ।
सरकार की तरफ़ से सरकारी सम्मान के साथ भोला पंचायत तत्व मे मिलाकर अमर हो गया। भोला की मां को भी पेशन और पैसे की कोई कमी नही थी।
चाची के लिए सब कुछ बेकार था। वह पागल हो चुकि थी, दिनभर शादी के गाने गाना, कभी मौर पहनकर बैठना। दुल्हन के कपड़े गहने देखना। यही दिनचर्या थी उनकी। बच्चे उन्हे गाकर चिढ़ाने की कोशिश करते - ले ले अईल हो बउआ सासु के बड़ाई- --। चाची चिढ़ती कहां थी , वह तो उनके साथ मिलकर गाना शुरू कर देती थी।

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