मुसंडा फूल अफ्रिकन एसियन का नेटीव प्लान्ट है। यह ट्रौपिकल सब ट्रौपिकल हैं। इसकी दो सौ से उपर प्रजाति है।
(1) परिवार-- यह गंधराज, पेन्टस, एक्जोड़ा सभी रुबिएसी के परिवार में आते हैं।
(२) मिट्टी--
(के) अम्लिए मिट्टी में अच्छी वृद्धि होती है।
(ख) मिट्टी-- गमले में लगानी हो तब मिट्टी में कम्पोस्ट और रेत मिलाकर लगाए। पानी रुकनी नहीं चाहिए।
(2) लम्बाई-- इसे गमले में लगाने पर काट छाट करते रहनी होगी । मिट्टी में इसकी उचाई ७-१० फीट तक चली जाती है।
(३) फूल-- मुसंडा की रंगों में मिलता है । सफेद वाली वेराइटी को धोबी फूल भी कहते हैं। गुलाबी रंग की कलकत्ता सनसेट के नाम से जाना जाता है। लाल रंगों वाली कप्रिकान ड्रीम।
(४) पानी-- इसे पानी चाहिए परन्तु ड्रेनेज अच्छी हो ताकि रुके नहीं।
(५) धूप-- मुसंडा धूप में रखा जाता है लेकिन अगर बहुत ज्यादा धूप हो तो डायरेक्ट धूप पत्ते जला सकते हैं।
(६) ठंड-- जाड़े में यदि बहुत ठंड हो इसे ग्रीननेट या बरामदे में ले जाए।
(७) कीट -- कीटों से बचाने के लिए साबुन पानी, नीम आयल का छिड़काव करें।
(८) खाद-- मुसंडा भुख्खड़ प्लान्ट है इसे महीने में एकबार- गोबर खाद, कम्पोस्ट, कौफी ,चाय पत्ती ओर इपस्म साल्ट में से कोई एक देते रहे।
(९) कांट-छांट-- गर्मी शुरू होने से पहले इसकी काट छांट करें। इसके अलावा आप सूखे फूल पत्तो को हमेशा हटाते रहें।
(१०) इसे कटिंग से लगा सकते है।
(११) पत्ते पीले होने पर इप्सम साल्ट से नहलाया करें।
(१२) फूल नहीं आ रहे हो तब मिट्टी की जांच करवाएं। आपकी मिट्टी अम्लिएता खो चूकि होगी। अपने पौधों पर उजला बेनेगर एक चम्मच पांच लीटर पानी में मिलाकर डालें। मिट्टी में पीट मौस मिला दें, फिटकरी का उपयोग करें।
(१३) सहारा-- मुसंडा के फूल भारी होते हैं इसलिए सहारे के लिए डंडे लगाए।
(14) मलचिग- आप अपने मुसंडा के पौधे को मलचिग करना न भूले। मलचिग सूखे चाय पत्ते, धान भूसी, नारियल छिलका, और पीट मौस से करे।
नोट- अधिक जानकारी के लिए आप मेरे चैनल बोकारो गार्डन पर विडियो देखे।
(1) परिवार-- यह गंधराज, पेन्टस, एक्जोड़ा सभी रुबिएसी के परिवार में आते हैं।
(२) मिट्टी--
(के) अम्लिए मिट्टी में अच्छी वृद्धि होती है।
(ख) मिट्टी-- गमले में लगानी हो तब मिट्टी में कम्पोस्ट और रेत मिलाकर लगाए। पानी रुकनी नहीं चाहिए।
(2) लम्बाई-- इसे गमले में लगाने पर काट छाट करते रहनी होगी । मिट्टी में इसकी उचाई ७-१० फीट तक चली जाती है।
(३) फूल-- मुसंडा की रंगों में मिलता है । सफेद वाली वेराइटी को धोबी फूल भी कहते हैं। गुलाबी रंग की कलकत्ता सनसेट के नाम से जाना जाता है। लाल रंगों वाली कप्रिकान ड्रीम।
(४) पानी-- इसे पानी चाहिए परन्तु ड्रेनेज अच्छी हो ताकि रुके नहीं।
(५) धूप-- मुसंडा धूप में रखा जाता है लेकिन अगर बहुत ज्यादा धूप हो तो डायरेक्ट धूप पत्ते जला सकते हैं।
(६) ठंड-- जाड़े में यदि बहुत ठंड हो इसे ग्रीननेट या बरामदे में ले जाए।
(७) कीट -- कीटों से बचाने के लिए साबुन पानी, नीम आयल का छिड़काव करें।
(८) खाद-- मुसंडा भुख्खड़ प्लान्ट है इसे महीने में एकबार- गोबर खाद, कम्पोस्ट, कौफी ,चाय पत्ती ओर इपस्म साल्ट में से कोई एक देते रहे।
(९) कांट-छांट-- गर्मी शुरू होने से पहले इसकी काट छांट करें। इसके अलावा आप सूखे फूल पत्तो को हमेशा हटाते रहें।
(१०) इसे कटिंग से लगा सकते है।
(११) पत्ते पीले होने पर इप्सम साल्ट से नहलाया करें।
(१२) फूल नहीं आ रहे हो तब मिट्टी की जांच करवाएं। आपकी मिट्टी अम्लिएता खो चूकि होगी। अपने पौधों पर उजला बेनेगर एक चम्मच पांच लीटर पानी में मिलाकर डालें। मिट्टी में पीट मौस मिला दें, फिटकरी का उपयोग करें।
(१३) सहारा-- मुसंडा के फूल भारी होते हैं इसलिए सहारे के लिए डंडे लगाए।
नोट- अधिक जानकारी के लिए आप मेरे चैनल बोकारो गार्डन पर विडियो देखे।
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