बिन किरदार रही अधूरी कहानी मेरी।
उम्मीद भी न रही पूरी होगी कहानी मैरी।
जिस जगह छोड़कर गया तू वही खड़ी हूं मै।
तू तो देखने भी न आया किस हाल मे हू मै।
मर्जी है तुम्हारी तुम सम्भालो न सम्भालो हमे।
जिदंगी तुझे बचाने को मौत से लड़ते रहे हम।
दुश्वार था फिर भी कटी पतंग पकड़ते रहे हम।
जीना इसी को अगर कहते है तो जीते रहे हम।
उड़ रही थी मै तो हवा के जोर से।
पाबंद था हवा भी अपने उसूल से।
खुद से ज्यादा उस पर कर रखा था यकीन।
मौसम बदलते ही जिसे बदलने की फितरत है।
पूजा इबादत प्रार्थना का है कोई अर्थ ही नही है।
वो ठहरा है न ठहरेगा वो जन्नत मे भी सुकून से।
सोचा न था हवा यू अपना रुख बदल लेगी।
जन्नत तो छोड़ो मुझको जिल्लत न मिलेगी।
जख्मी पंरिदे की तरह तेरे कैद मे है हम।
दर्द है बेइंतहा मौत के इंतजार मे है हम।
मेरे किरदार के होठो की हंसी देखी सबने।
कोई तो हो जिसे पैरो के छाले नजर आए।
मेरे मुस्कराहट से क्यू जलती है दुनिया सारी।
बेइंतहा दर्द की दास्तान है मुस्कान के पीछे।
उम्मीद भी न रही पूरी होगी कहानी मैरी।
जिस जगह छोड़कर गया तू वही खड़ी हूं मै।
तू तो देखने भी न आया किस हाल मे हू मै।
मर्जी है तुम्हारी तुम सम्भालो न सम्भालो हमे।
जिदंगी तुझे बचाने को मौत से लड़ते रहे हम।
दुश्वार था फिर भी कटी पतंग पकड़ते रहे हम।
जीना इसी को अगर कहते है तो जीते रहे हम।
उड़ रही थी मै तो हवा के जोर से।
पाबंद था हवा भी अपने उसूल से।
खुद से ज्यादा उस पर कर रखा था यकीन।
मौसम बदलते ही जिसे बदलने की फितरत है।
पूजा इबादत प्रार्थना का है कोई अर्थ ही नही है।
वो ठहरा है न ठहरेगा वो जन्नत मे भी सुकून से।
सोचा न था हवा यू अपना रुख बदल लेगी।
जन्नत तो छोड़ो मुझको जिल्लत न मिलेगी।
जख्मी पंरिदे की तरह तेरे कैद मे है हम।
दर्द है बेइंतहा मौत के इंतजार मे है हम।
मेरे किरदार के होठो की हंसी देखी सबने।
कोई तो हो जिसे पैरो के छाले नजर आए।
मेरे मुस्कराहट से क्यू जलती है दुनिया सारी।
बेइंतहा दर्द की दास्तान है मुस्कान के पीछे।
2 Comments
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ReplyDeleteThanks
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