तिष्यरक्षिता अपने कक्ष में दुल्हन बनी बैठी सम्राट अशोक का इंतजार कर रही है।मन में उसके अपने ही विचारों का उथल पुथल चल रहा है। मैंने जो कुछ भी किया सही है ? प्रश्र आते ही जा रहे हैं वह अपने आप को प्रश्र के जाल में उलझते देख इधर- उधर टहलने लगती है।
इतने में सम्राट का प्रवेश होता है।
# रक्षिते आप जगी है अब तक ? मुझे आने में लेट हो गई। सोचा थकी होगी आपको नींद आ गई होगी। यह कहकर महाराज बिछावन पर बैठ गए।
रक्षिता ने अपने आप को सम्भालते हुए ज़बाब दिया - मैं तो आपका जीवन भर इंतजार कर सकती हूं महाराज , मैंने आपसे प्यार की है । यह कहते हुए उसने अपनी जुबान लड़खड़ाती महसूस की। ना जाने झूठ बोलने में जुबां लड़खड़ाती क्यो है ?
सम्राट अशोक जिनकी वीरता और महानता जग जाहिर है । कैसे मैंने उनको विश्वास दिला दिया कि मुझे उनसे बेहद प्यार है, उन्होंने अगर मुझे नहीं अपनाया तो मैं बिष खाकर अपने प्राण त्याग दूंगी। सम्राट अशोक की पत्नी बन मैं महारानी बन गई। अब मुझे हर कदम संभल कर उठाने होंगे ताकि महाराज को कोई शक न हो।
केशर वाला दूध का पात्र हाथ में थमाते हुए तिरक्षी निगाहों से देखते हुए मुस्कराई।
अशोक ने पूछा रक्षिते आप इतनी खूबसूरत है कोई भी राजकुमार आपको पाकर अपने को धन्य समझेगा। आपने इस बूढ़े सम्राट को जिसकी चार रानिया पहले से ही है क्यो अपनाने की ज़िद की। मैं वह पहले वाला राजा अशोक नहीं, बूढ़ा अक्षम सम्राट हूं। मैं आपको कोई सुख नहीं दे सकता ।
रक्षिता महाराज के हाधो को सहलाते हुए बोली - महाराज मुझे आपसे कोई पत्नी सुलभ सुख नहीं चाहिए। मैंने आपसे सच्चे दिल से मुहब्बत की है । महाराज शारिरिक सुख की कामना मूर्ख ही करते हैं। यह सुख क्षणभंगुर है महाराज हमारी मुहब्बत नैसर्गिक है सास्वत है। हमारी मुहब्बत को मौत भी नहीं मिटा सकेगी। आप अपने मन में थोड़ी सी भी ग्लानि न लाएं, मैं तमाम उम्र आपकी सूरत देखती हुई खुशी से गुजार दूंगी। मैं आपसे वादा करती हूं आप मुझे कभी दुखी नहीं पाएंगे।
महाराज के मन पर पड़े सारे बोझ रक्षिता ने उतार फेंके। इस उम्र में ब्याह, यह भी कोई ब्याह की उम्र है। सारे शरीर शिथिल हो रहे, अब तो चलने फिरने में भी परेशानी महसूस करने लगा हूं। मुझे चिंता इस बात कि कब थी चारों रानियां या प्रजा क्या कहेंगी ? मुझे तो बस यही ग़म खाए जा रहा था कि रक्षिता जिसको ब्याहकर लाया हूं उसे पति का सुख भी नहीं दे पाऊंगा। महाराज का मन अकस्मात अपनी ब्याहता पत्नी की तरफ झूकता चला। छोटी सी बच्ची ही तो है लेकिन कितनी समझदार सी बात कर गई। इस उम्र में ऐसी बात मुझे आपसे मुहब्बत है हमारे बीच शारीरिक संबंध नहीं नैसर्गिक प्यार होगा जिसे दुनिया याद रखेंगी......क्रमस:
इतने में सम्राट का प्रवेश होता है।
# रक्षिते आप जगी है अब तक ? मुझे आने में लेट हो गई। सोचा थकी होगी आपको नींद आ गई होगी। यह कहकर महाराज बिछावन पर बैठ गए।
रक्षिता ने अपने आप को सम्भालते हुए ज़बाब दिया - मैं तो आपका जीवन भर इंतजार कर सकती हूं महाराज , मैंने आपसे प्यार की है । यह कहते हुए उसने अपनी जुबान लड़खड़ाती महसूस की। ना जाने झूठ बोलने में जुबां लड़खड़ाती क्यो है ?
सम्राट अशोक जिनकी वीरता और महानता जग जाहिर है । कैसे मैंने उनको विश्वास दिला दिया कि मुझे उनसे बेहद प्यार है, उन्होंने अगर मुझे नहीं अपनाया तो मैं बिष खाकर अपने प्राण त्याग दूंगी। सम्राट अशोक की पत्नी बन मैं महारानी बन गई। अब मुझे हर कदम संभल कर उठाने होंगे ताकि महाराज को कोई शक न हो।
केशर वाला दूध का पात्र हाथ में थमाते हुए तिरक्षी निगाहों से देखते हुए मुस्कराई।
अशोक ने पूछा रक्षिते आप इतनी खूबसूरत है कोई भी राजकुमार आपको पाकर अपने को धन्य समझेगा। आपने इस बूढ़े सम्राट को जिसकी चार रानिया पहले से ही है क्यो अपनाने की ज़िद की। मैं वह पहले वाला राजा अशोक नहीं, बूढ़ा अक्षम सम्राट हूं। मैं आपको कोई सुख नहीं दे सकता ।
रक्षिता महाराज के हाधो को सहलाते हुए बोली - महाराज मुझे आपसे कोई पत्नी सुलभ सुख नहीं चाहिए। मैंने आपसे सच्चे दिल से मुहब्बत की है । महाराज शारिरिक सुख की कामना मूर्ख ही करते हैं। यह सुख क्षणभंगुर है महाराज हमारी मुहब्बत नैसर्गिक है सास्वत है। हमारी मुहब्बत को मौत भी नहीं मिटा सकेगी। आप अपने मन में थोड़ी सी भी ग्लानि न लाएं, मैं तमाम उम्र आपकी सूरत देखती हुई खुशी से गुजार दूंगी। मैं आपसे वादा करती हूं आप मुझे कभी दुखी नहीं पाएंगे।
महाराज के मन पर पड़े सारे बोझ रक्षिता ने उतार फेंके। इस उम्र में ब्याह, यह भी कोई ब्याह की उम्र है। सारे शरीर शिथिल हो रहे, अब तो चलने फिरने में भी परेशानी महसूस करने लगा हूं। मुझे चिंता इस बात कि कब थी चारों रानियां या प्रजा क्या कहेंगी ? मुझे तो बस यही ग़म खाए जा रहा था कि रक्षिता जिसको ब्याहकर लाया हूं उसे पति का सुख भी नहीं दे पाऊंगा। महाराज का मन अकस्मात अपनी ब्याहता पत्नी की तरफ झूकता चला। छोटी सी बच्ची ही तो है लेकिन कितनी समझदार सी बात कर गई। इस उम्र में ऐसी बात मुझे आपसे मुहब्बत है हमारे बीच शारीरिक संबंध नहीं नैसर्गिक प्यार होगा जिसे दुनिया याद रखेंगी......क्रमस:
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