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हिम्मत हार बैठा हूँ

ख्यालों मे जिसके गुम है तू ऐ दिल।
क्या उसको भी तेरा ख्याल है।
वादे पर आ जाएगा इसे दिवानगी
कहूँ या कहूँ तेरा विश्वास है।

बदल जाए ऐसा दोस्त न किसी को परवर दीगार दे।
बदलने की हो फिदरत जो न रंजोगम मे ही साथ दे।

कौन हूँ ? कहाँ से आया ? किधर जाने को बैठा हूँ ?
मुसाफिर हूँ मै, सफर करने की हिम्मत हार बैठा हूँ।

उलझन भरी हैं जिंदगी मुश्किल यह राह है।
सामने पड़ी हुई मेरी तमन्नाओं की लाश है ।
मुमकिन कहाँ है ऐसे मे कोई हाथ पकड़ ले।
दर्द से निकाले तुफान की मौजो से बचा ले।

जमीं को रचते समय कुछ कमी रह गई कर्तार।
कुछ के पेट भरें रहते हैं कुछ के रहते है खाली।

क्या जग यह रचते समय आपअर्धनिन्द्रा मे थे स्वामी।
किसी को तो सबकुछ दे डाली कुछ की झोली खाली।

आप बागवान हो अब भी अपनी भूल सुधारें।
एक पौधा भी प्यासा न हो सबको पानी डालें।
कुछ की झोली खाली

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1 Comments

  1. Bahut badhiya kaha kisi ko side dali kisi ki Jolie Khalifa hai

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