जिस जगह दिल की न कह सको,न सुन सको।
ऐसी महफिल मे जाना मुझे अच्छा नही लगता।
लॉक डाउन खुलने के बाद ऐसा कुछ हो जाए।
हम मिले एक दूसरे से और लॉक डाउन हो जाए।
इस माहौल में खुद ही कहिए खुद ही सुना कीजिए।
रिश्ते निभाने की मलाल छोड़िए फासले बनाए रखिए।
घर में रहकर रिश्ते यूं भी निभाते रहिए।
मोहब्बत ना भी हो तो भ्रम बनाए रखिए।
सपनों में ही सही यू ही आते- जाते रहिए।
जुबां पर मेरी नज्में यू ही गुनगुनाया करिए।
कोई बीमार है फिक्र उसकी जाने दीजिए।
बेफिक्री बनिए बेरुखी से मुस्कुराते रहिए।
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