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हेल्थ बेनिफिट्स ऑफ भूमि आंवला/ भुई आंवला के फायदे

भुई आंवला यानी एक जंगली पौधा।
जी हां आज मैं जो बात करने जा रही हूं वह एक ऐसा जंगली पौधा है जो खुद ब खुद आपके बगीचे में उग आता है। आयुर्वेद में इसके बहुत सारे फायदे बताए गए हैं। यहां इस जगह पर मैं उन्हीं फायदों को लेकर आपके सामने आई हूं। एक-एक कर भुई आंवला के फायदे को मैं यहां आपसे जिक्र करने वाली हूं।
भुई आंवला के अनेकों नाम है जैसे स्टोन ब्रेकर, भुई आंवला, भूमि आमला, भू धात्री इसे अंग्रेजी में फाईलाइनथस यूरीनेरिया कहते हैं, फाईलाइन्थस नीरोली।

१) मुंह सूखना बहुत ज्यादा प्यास लगना।
२) खांसी, कफ कोल्ड,
३) दाद खाज खुजली इसकी संबंधी सारी परेशानियां
४) लीवर के लिए रामबाण है आपका भूमि आंवला
५) गांव में पुराने से पुराने घाव को यह ठीक करता है-
६) कुष्ठ रोग में लाभकारी है भूमि आंवला
उपयोग-
१) कफ संबंधी परेशानी में श्वास रोग में 10 ग्राम जड़ पीसकर एक चम्मच मिश्री या शहद के साथ ले।
२) स्वास्थ संबंधी रोग में भूमि आंवला के पंचांग 50 ग्राम आधा लीटर पानी में खल आएं जब चौथाई पानी बचे। पानी को एक-एक चम्मच सुबह शाम उपयोग करें।
३) घाव होने पर आंवला के रस पीसकर लगाएं। पत्ते को पीसकर सीधे भी लगा सकते हैं।
४) अल्सर मैं भुई आंवला के पत्ते को छाया में सुखाकर पाउडर बना लें। 10 ग्राम पाउडर 400 मिलीलीटर पानी में खौलाए। जबपाजब चौथाई बचे तो सुबह शाम इस पानी को खाने से एक घंटा पहले रात में एक एक चम्मच ले। इससे पेट के अल्सर में फायदे होते हैं।
५) जलोदर जलोदर नामक बीमारी में भूमि आंवला के 50 ग्राम पंचांग 400 मिलीलीटर पानी में खौलाए। जब पानी चौथाई बचे 10 मिलीलीटर दिन भर में तीन चार बार ले।
६) पेट की हर एक बीमारी में फायदेमंद भूमि आंवला को 20 ग्राम पत्ती 200 मिलीलीटर जल में उबालकर पानी पिए।
७) पुरानी से पुरानी कफ 50 ग्राम पंचांग आधा लीटर पानी में खौलाए
। पानी जब चौथाई बचे एक एक चम्मच दो बार सवेरे शाम ले।
८) मुंह में छाले भूमि आंवला के पत्ते को 50 ग्राम लेकर 200 मिलीलीटर जेल में हिम बनाएं। इससे कुल्ला करें मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।
९) आंख मैं किसी तरह की परेशानी हो लाली या हो जलन होने पर तांबे के बर्तन में भूमि आंवला घीसे, हां के बाहरी हिस्से में इसको लगाएं।
१०) खुजली में भूमि आंवला के पत्ते को पीसकर उसमें सेंधा नमक मिलाकर लगाएं जांघों में खुजली हो तो तुरंत आराम महसूस होगी।
११) बुखार आने पर इसके पत्ते को काली मिर्च के साथ पीसकर सुबह-शाम गोली बनाकर ले।
१२) मूत्र विकार पेशाब रुक रुक कर आता हो या पेशाब में जलन हो तो आप 10 मिलीलीटर रस इसका निकाल ले जीरा और आधी चम्मच चीनी मिलाइए या 10 मिलीलीटर रस 10 मिलीलीटर गाय का घी मिलाकर ले।
१३) दस्त पेट खराब पतले पखाने में 50 ग्राम पत्ते 400 मिलीलीटर पानी में उसमें 5 ग्राम मेथी का चूर्ण मिलाकर वाले और पानी को पिए दस्त से छुटकारा मिल जाएगा।
१४) सुजाक गनोडिंया एक चम्मच पत्ते का रस चीनी और जीरा मिलाकर पीने से फायदे होंगे!
 १५) प्रमेह 20 मिलीलीटर रस दो चम्मच घी मिलाकर ले।
१६) मासिक धर्म में होने वाली परेशानी 5 ग्राम बीज का चूर्ण चावल पानी के साथ मिलाकर सेवन करें।
१७) डायबिटीज या मधुमेह पंचांग चूर्ण प्लस काली मिर्च दिन में दो से तीन बार ले।
१८) आप सबसे अंत में मैं आ रही हूं जिसे मैंने आजमा कर देखा है पीलिया रोग जिसको जॉन्डिस के नाम से हम लोग जानते हैं इसमें यह काफी फायदेमंद होता है। जॉन्डिस में 5 ग्राम जल को 250 मिली लीटर दूध के साथ खोला कर खाली पेट लेना है।
दूसरी विधि में पेस्ट बनाकर छाछ के साथ ले सकते हैं।
नोट- मैंने #हैप्पी लाइफ विथ बोकारो गार्डन# में यूट्यूब पर वीडियो डाली हुई है।
आप पौधे को पहचानना चाहते हैं तो वहां जाकर वीडियो देख सकते हैं।

आंवला के हजारों फायदे

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