कुदरत ने नवाजा जो दौलत से उनको,
वो उस पर इठला रहे हैं।
नई - नई मिली है दौलत तुमको, टेढ़ी चाल तुम्हारी दर्शा रहीं हैं।
क़िस्मत से पाई दौलत, उसमें मिहनत नहीं नज़र आ रही है।
कैसे संभाल पाएंगे इतनी शोहरत सोच कर हम घबरा रहें हैं।
संभालेंगे कैसे इतनी शोहरत वो, जो न सीधी चल पा रहें हैं।
उड़ने लगे हैं आसमां में उनके पांव कहां धरा पर पड़ेंगे।
ना आएगा नींद तुमको ना ही तुम चैन सुकून पा सकोगे।
लौटा दो खुदा को सारी दौलत तभी सुख चैन पा सकोगे।
खुदा से मिला है तन मन उसे एक दिन हमें लौटाना ही होगा।
यहां की दौलत ही रहेगी साथ कुछ ना लेकर जाना रहेगा।
यह कबीर की वाणी नहीं है उल्टा हुआ है उल्टा ही होगा।
कंधे पर उठाकर शमशान ले जाने वाले थे तेरे।
अब शमशान तक भी उनका जाना ना होगा।
वो उस पर इठला रहे हैं।
नई - नई मिली है दौलत तुमको, टेढ़ी चाल तुम्हारी दर्शा रहीं हैं।
क़िस्मत से पाई दौलत, उसमें मिहनत नहीं नज़र आ रही है।
कैसे संभाल पाएंगे इतनी शोहरत सोच कर हम घबरा रहें हैं।
संभालेंगे कैसे इतनी शोहरत वो, जो न सीधी चल पा रहें हैं।
उड़ने लगे हैं आसमां में उनके पांव कहां धरा पर पड़ेंगे।
ना आएगा नींद तुमको ना ही तुम चैन सुकून पा सकोगे।
लौटा दो खुदा को सारी दौलत तभी सुख चैन पा सकोगे।
खुदा से मिला है तन मन उसे एक दिन हमें लौटाना ही होगा।
यहां की दौलत ही रहेगी साथ कुछ ना लेकर जाना रहेगा।
यह कबीर की वाणी नहीं है उल्टा हुआ है उल्टा ही होगा।
कंधे पर उठाकर शमशान ले जाने वाले थे तेरे।
अब शमशान तक भी उनका जाना ना होगा।
1 Comments
very heart touching
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