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जिनके कारण मैंने अपने #मैं को गवाया है

 खुद को नहीं अपने #मैं को ही बचाया होता।

दुनिया वालों की बुरी नजरों से छुपाया होता।

आज इस अकेलेपन में मेरा #मैं सहारा होता।

जिसके खातिर मैंने अपने #मैं को गवांया है।

आज उनको ही दुश्मनों की टोली में पाया है।

अपना #मै सौ रुपए का नोट नहीं होता।

#मैं का पहचान कहां हमें उम्र भर होता।

#मैं का पहचान पुस्तकों में भी नहीं होता।

सौ रुपए के नोट से अपने पेट की भूख मिटाओ।

चाहो तो खर्च कर दो अपनी जिंदगी को बचाओ।

#मैं को खर्च क्या कभी गिरवी भी नहीं रखना।

खुद को मिटा दो पर अपने #मैं को बचाए रखना।


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