नजरे करम ने तेरा मुझको दीवाना बना दिया।
इश्के-जाम पिलाकर तूने मुझे बागी बना दिया।
जहर कोई भी हो मुझ पर अब बेअसर होगा।
इश्क के ज़हर का तूने मुझे आदी बना दिया।
नाकामियों से टकरा कर मैं कामयाब हो गया।
लहर आई डूबा नहीं मैं भंवर से पार हो गया।
अब इससे बड़ा क्या कोई जुल्मों सितम होगा।
एक इंसान को इस जमाने ने शैतान बना दिया।
जुगनू से जो टिमटिमाते थे वो सितारे बन गए।
झूंडे जुगनू ने सितारे को जमीन में मिला दिया।
गंजेरियो नशेड़ियों की हिम्मत अब इतनी बढ़ गई।
अगस्त बनने का भ्रम पैदाकर समुंद्र को ही पी गए।
जिस जगह मां- बहन बहू- बेटियां सुरक्षित ना होगी।
तुम मर्द समझ सकते हो खुद को पर नामर्द तू होगा।
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