ज़िंदगी तेरी राह में चलता गया।
कुछ मिल गया तो कुछ खो गया।
जो मिल गया वहीं बस अपना था।
जो खो गया वह बस इक सपना था।
महकते लफ्ज़ से सबको लगाव हो जाए।
बहके लफ्ज़ गर तो सबको घाव दे जाए।
अब भी फिक्र है मेरी सुनकर परेशान हूं मैं।
यह हादसा हुआ तो हुआ कैसे अनजान हूं मैं।
तुमको मुझसे अब भी है कोई ताल्लुक।
जानता हूं मैं मगर दुनिया को बताने आओ।
हमारे दरमियान जो दीवार उठाई है दुनिया।
गिराने का भ्रम उनको दिलाने के लिए आओ।
बिछड़कर भी खुश हो ज़माने को दिखाने आओ।
जिंदगी सोचो तुमने कितना कुछ बदल डाले।
कितने सवालात कितनो के हालात बदल डाले।
हम वहीं हैं आज भी यारो जो पहले थे।
जमाने ने ही अपने ख्यालात बदल डाले।
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