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उपेक्षा करना भी कला है |
एक क़दम आगे बढ़ने से पहले एक क़दम पीछे हटना सीखें
परिपक्वता का अर्थ है बौद्धिक, भावनात्मक और चारित्रिक विकास। इसमें व्यक्ति उपेक्षा करने की कला सीख जाता है।
अज्ञानी की अज्ञानता को नजरअंदाज करना सीख जाता है।
भड़काऊ और अर्थहीन बयानबाज़ी से अपने को बचाना सीख जाता है।
मानवीय कमजोरी को पहचानना ही नहीं, ऐसे लोगों को जो दूसरे की उपेक्षा करते हैं, उनको नजरअंदाज करने की कला सीख जाता है।
परिपक्वता का सही गुण है आपने आपको ही नहीं अपने मानसिकता को भी दूषित होने से बचाना। यह केवल दूसरों की मानसिक गंदगी पहचाने की क्षमता नहीं है वल्कि उससे अपने आप को बचाना सीख जाता है।
परिपक्वता हमें सिखाती है लोगों की मानवीय कमजोरी में क्षमादान करना। संसार के सभी जीवो को अपने समान ही समझने की बात करना ही नहीं, दुहरा मापदंड नहीं अपनाता है। सही अर्थों में परिपक्व कहा जा सकता है।
गलती बस गलती होती है उसमे लिंग का भेदभाव नहीं करना, अपरिपक्व मन पर लिंग का फर्क हावी हो जाता है।
अगर महिला से कहीं चूक हो जाती है तो उसे मसालेदार कहानी बना चटकारे लेना, पुरुष से हुई चूक को दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण फिसलन कहना, अपरिपक्व मन की ओर इंगित करता है।
अगर आप एक ऐसी व्यक्ति है जो खुले दिल से चलते हैं, तो सावधानी से कदम रखें।
अपने देने की माप रखें, देने में पात्रता भी देखनी भी आवश्यक है।
मदद करें मदद करने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन इस बात का रखें किसकी मदद कर रहे ?
किसी को देने से पहले लंबी गहरी सांस लें क्षण भर को सोचें।
किसी पर विश्वास करने से पहले एक कदम आगे बढ़ने से पहले, एक कदम पीछे हट कर सोचना शुरु करें।
माना आप खुले दिल और दिमाग वाला निर्दोष व्यक्ति हैं। यह भी माना निर्दोषता एक अच्छी चीज है, लेकिन इसे बेहतरीन बनाने के लिए इसे बुद्धिमत्ता से जोड़ना भी अतिआवश्यक है।
लोगों को अपनी आलोचना करने दे,यह उनकी अपनी समस्या है। आपकी आलोचना की कमाई से जो फायदे और नुकसान होने वाले हैं उसके बिलों का भुक्तान उन्हें ही करना है।
आप अपने को इसमें उलझाए नहीं चाहे वह कुछ भी करें, कुछ भी कहें। आप अपनी कीमत या सुंदरता अपनी नजर से देखें दूसरे की नज़र से नहीं।
आप दयालु हैं सभी जीव के प्रति समर्पित रहें, आपके विचार स्वस्थ आहार स्वच्छ हो।
वह लोग आप पर विश्वास बनाए रखेंगे जिनको आप उत्साह जनक शब्द पेश करेंगे। अपने आसपास ऐसे लोगो को रखें जो सच्ची दोस्ती की भावना रखते हो। कठिन समय में ऐसे ही लोग आपके साथ रहेंगे।
सच्चे लोग सच्चे दोस्त सच्ची दोस्ती विश्वास निष्ठा और समर्थन पर आधारित होती है ना कि विश्वासघात और रहस्यमय बने रहने पर।
आपकी परिपक्वता ही आपको ऐसे लोगों के पास ले जायेगी आप आसानी से पहचान जाएंगे कौन दोस्त है और कौन छुपा हुआ शत्रु।
क्रमशः....
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