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| Ab har geet Adhura |
🌑 अंधेरे में रोशनी की तलाश
टूटे सपनों की राख से,
एक नई सुबह को जन्म देंगे।
जो खो गया था रास्ते में,
उसे फिर से हम ढूंढ लेंगे।
हर आंसू में एक दीप जलाएंगे,
हर सन्नाटे में स्वर बनाएंगे।
तेरे बिना अधूरा रह गया था,
उसे खुद से पूरा कर जाएंगे।
दर्द को अपने गीत में ढालेंगे,
हर ज़ख्म को रंगों से सजा देंगे।
जो तू नहीं, तो क्या हुआ ?
तेरे वगैर ही जीवन सजा देंगे।
जब कभी रिश्तों की छांव भी धूप बन जाए,
तो मन की छतरी खुद ही खोलनी पड़ती है।
हर मुस्कान के पीछे जब आंसू छुपा हो,
तो खामोशी से ही बात करनी पड़ती है।
तेरे बिना जो सांसें चलती हैं,
वो जैसे बिना धड़कन के जीवन हो।
तू ही तो था वो साज, वो सुर,
अब हर गीत अधूरा सा लगता है।

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