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मैं योगा और आपबीती


मेरे पतिदेव हास्पिटल में भर्ती थे उनका आपरेशन होना था। मेरी मन: स्थिति का आप अंदाजा लगा सकते हैं। घबराहट में मैं अपना मोबाइल चार्जर लेना भूल गई। 

मोबाईल को डिस्चार्ज होना ही था।

मैंने योगा सर से प्रोमिस कर रखा था पूरे सप्ताह हाजिर रहूंगी।


मेरा मनपसंद एक गाने अपलोड होने की नोटिस और मोबाईल डेड 😭 दो गम एक साथ --

थोड़ी देर सोचती रही क्या करूं---

* योगा छोड़ती हूं तो वादा खिलाफी *


हाय 🥺 मेरा पसंदीदा गाना दिल बैठने लगा, सर की बात याद आई --

* कहते हैं दर्द हो तो मुस्कुराओ *


किसी से कुछ मांगने की आदत नहीं रही -- सोचा चलो आज यह हाथ 🫲 फैलाना भी हो जाए ताकि ईगो तोड़ने की प्रैक्टिस भी हो जाएगी। सबने मुझे इईगोइस्ट की घमंडी, जिद्दी की उपाधि दे रखी है 😥


मेरे कमरे से 3 कमरे बाद एक कमरा खुला दिखा। मैंने शर्माते हुए पूछा * आपके पास चार्जर है क्या ( मोबाईल मैं लेकर गई थी )

इन्दजीत जी ने मेरे मोबाईल में चेक कर अपना चार्जर दे दिया। मैं इतनी खुश हो गई उनका कमरे का नंबर भी नहीं देख पाई। हां चलते - चलते उन्होंने मेरे कमरे का नंबर जरूर पूछ लिया था।

अब मैंने अपना क्लास भी पूरा किया और पसंदीदा गाने भी सुने 😀 

समस्या थी सभी कमरे बंद रहते हैं चार्जर लौटाया कैसे जाएं?

चलो यह भी प्रोब्लम खत्म हुआ शाम में इन्दरजीत जी खुद चार्जर लेने आ गए। 

उन्होंने बताया मां को कैंसर है रेडिएशन थेरेपी चल रहा है। 

मैंने पूछा - आप दिल्ली जैसे जगह में हो फिर यहां क्यों?

इन्दजीत जी ने कहा -- यहां मोडर्न रेडिएशन थेरेपी मशीन आई है इसलिए यहां आना हुआ।


आज हमे हास्पिटल से डिस्चार्ज होना था - सामने से मां के साथ इन्दजीत आते दिखे। उनकी मां को देखकर कहीं से भी नहीं लग रहा था कि कैंसर है। बहुत ही खूबसूरत महिला - बहुत सी बातें हम करते रहे। उनकी मां को मैंने कहा -


आप जाने से पहले एक बार मेरे यहां मिलने आएगी तो मुझे बहुत खुशी होगी। ऐसा लग रहा था कि हम वर्षों से एक -दूसरे को जानते हैं।


लाख मना करने पर भी इन्दर जीत हमें एम्बुलेंस तक छोड़ने आए। 

गुरुदेव 🙏एम्बुलेंस पर मेरे पतिदेव चढ़ गए ( चार दिन पहले आपरेशन हुआ है )

मैंने कोशिश की पर नाकाम रही 😭 नहीं चढ़ पाई 😥

इन्दर जीत जी उपर चढ़ कर बोले अपना हाथ दीजिए मैं खींच लूंगा।

मैंने कहा -- इनदर जीत जी मेरा वजन 74 किलो है, कहीं आप ही ना नीचे खींचा जाए🤣🤣 🤣


दरअसल मैं मजबूर थी मुझे अपने सिवा किसी पर भरोसा नहीं रहा है। मैंने हाथ पकड़ कर खींचें जाने से इंकार कर दिया।


इन्दजीत आपको ❤️ धन्यवाद मैं भूल गई थी आप सरदार कम्यूनिटी से आते हो और सबकी सहायता करना अपना धर्म मानते हो। मैं यूं ही डर गई - आपकी वीरता, निष्ठा और सेवा भाव को सलाम।

मैं मजबूर थी मुझे अपने सिवा किसी पर भरोसा नहीं रहता।

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खैर मैं आगे के सीट पर ( ड्राईवर के पास बैठ गई, जबकि इसकी भी ऊंचाई बहुत थी, गुरुदेव यह श्रेय भी आपको जाता है।

ड्राइवर बता रहा था इस एम्बुलेंस में बहुतो को चढ़ने में दिक्कत होती है। सीधे नीचे से उपर चढ़ना है बीच में पैर डालने के लिए कुछ नहीं है।


गुरुदेव आपने --- दोगुना आक्सीजन खींचवा दिया, हाथ पैर स्ट्रौग करवा दिया, रीढ़ की हड्डी लचीला बनवा दिया, चलना, सांस लेना, आंख बंद कर अपने अंदर झांकना सीखा दिया।


सच बताऊं तो जीना सीखा दिया 🙏 सबसे पहले में आपको ही धन्यवाद दिया करती हूं।

आप Habulder रुपी रथ पर कृष्ण बने सारथी हो🙏


एक बात बताओ गुरुदेव ?-

* मेरा वजन कब और कैसे कम होगा *


गुरुदेव खाने पर और सोने पर प्रतिबंध में थोड़ी सी ढ़ील दे दे, इसके वगैर जिंदगी फीकी लगती है 🤣🤣🤣

सर सच कहती हूं भूख हड़ताल शुरू कर दूंगी।

मेरा भूख-हड़ताल का पुराना रेकर्ड 15 दिन का है 🤣🤣🤣

मुझे चिंता है बेचारे चार कंधा देनेवाले का क्या होगा 🤔 ऐसा ना हो सब फेंक कर चल दें 🤣🤣🤣


हां आप सबों को बताते चलूं पतिदेव एकदम ठीक-ठाक है। मेरी सेवा से अभिभूत होकर मैं नहीं चढ़ पाई तो भी कुछ नहीं बोले😂 वरना मेरी तो खैर नहीं थी 😂


वैसे तो यहां ज्यादातर मेरे बच्चे हैं यहां तक कि हमारे गुरु सौरभ सर भी 🙏 फिर भी मैं नगीना शर्मा अपने छोटे, बड़े, नन्हे सभी दोस्तों को 🙏

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