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बीज का अंकुरण

बीज से ही पौधें बनते है।बीज को अंकुरित होने के लिए अनुकुल वातावरण चाहिए अन्यथा
बीज सङ जाएगें ,करण हो भी जाए तो पौंधे स्वस्थ नहीं होगें। बीजों को क्या चाहिए इसपर विचार करें....
(A) नमी  (B) आॅक्सीजन  (ताप /रोशनी)
(A) नमी -  बीज में 10-15 प्रतिश्त जल होता है। इतनी कम मात्रा में बीज सूखा रहता है।
बीज को जब उचित मात्रा में जल मिलता हैतब उसके उपरी खोलसे तथा बीजांड द्वार से जल अंदर प्रवेश कर जाता है जिससे इसकेखोल मुलायम हो जाते है ।भ्रुण के फुलने से उपरी खोल फट जाता है जिससे मुलांकुर  तथा प्राकुंर बाहर आने की प्रक्रिया मे लग जाते है।
अब सांस लेनेके लिए आॅक्सीजन चाहिए जिसे वे वायुमंडल से लेते हैऔर कार्वनडायक्साइड
छोङते है। बीजपत्रों में संंचित पोषक तत्व सेभोजन लेकर पौधे अपना जीवन यात्रा शुरू करते है।
             इस प्रकार हम देखते है अंकुरण के लिए जल सबसे पहला तत्व है।

(B)) अॅक्सीजन- वायुमंडल में लगभग 21 प्रतिश्त आॅक्सीन है पौधे सांस लेने में इसका उपयोग करते  है अत ; बीज को हमें अधिक गहराई में नहीं लगानी  चाहिए। ऐसा करने से अंकुरण होने बाद भी पौधें मर जाते है।
(C )  ताप /प्राकाश- बीज में उपस्धित संचित पदार्थ के उपचयन की प्र्रक्रिया से ताप मिलती है कुछ भाग ताप प्रकाश का वायुमंडल से प्राप्त होता है

   सावधानियाँ=
(क ) बीज को जमीन में बहुत नीचे न डालें । उपर से अधिक मिट्टी न ढँके ।
(ख ) हो सके तो गोबर के घोल में पानी में बीज को कुछ घंटे रखें फिर लगाए ।
(ग ) तेज धूप ,वर्षा से बीज को बचाने के लिए मचान या पाॅलिधीन की व्यवस्था रखें
                                                                             नगीना शर्मा

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