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खाद का उपयोग करने से पहले

खाद का उपयोग करने से पहले कुछ जानकारी आवश्यक है। आज हम कुछ जानकारी देखेंगे। सही जानकारी हो तो मिट्टी में दिए गए खाद के फायदे पौधों तक पहुंचते हैं अन्यथा यह हमारे पौधों के लिए जानलेवा हो सकते हैं।
(१) किसी भी तरह हमारे बीज और पौधें की जड़ें किसी भी उर्वरक के सम्पर्क में नहीं आनी चाहिए ।
(२) नीम मिश्रित यूरिया का उपयोग करें।
(३) कोशिश करें यूरिया जमीन की सतह पर न डालकर एक डेढ़ इंच नीचे डाला जाए ।
(४) स्फूर / फास्फोरस दानेदार रहे तो बेहतर है । साथ ही पौधों से दूरी रखते हुए डाले ।
(५) नाईट्रोजन एक बार में ना देकर दो या तीन किस्तों में फसल में डालें ।
(६) फास्फोरस बुआई के समय डालें।
(७) अमोनियम सल्फेट या यूरिया का उपयोग करते हैं तब  ५ - ६ साल बाद चूना का उपयोग किया करें ।मात्रा मिट्टी की अम्लियता पर निर्धारित करें ।
(८) फसल पर यूरिया के जलीय घोल का उपयोग किया जा सकता है ।
(९) रासायनिक खाद का उपयोग जैविक खाद और जीवाणु खाद के साथ मिलाकर करने से पौधों के साथ मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। केवल जैविक खाद से काम नहीं चलेगा क्यूकिं इसमें पोषक तत्त्व कम होते हैं और पौधों को धीरे  - धीरे और कम मात्रा में मिलेगी ।
(१०) रासायनिक खाद से भी फसल को सारे पोषक तत्त्व नहीं मिलते । दोनों को मिलाकर उपयोग करने से पौधों को उचित पोषक तत्त्व मिल जाते हैं ।
नोट - जैविक खाद तथा रासायनिक खाद का उपयोग आवश्यकता अनुसार ही करें ।पानी भी अधिक देने से पौधों की जड़ें गल जाती है । मिट्टी जांचकर पानी दिया करें।

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