आंवला एक ऐसा वृक्ष जिसकी उपयोगिता से हम सभी वाकिफ हैं । यह विटामीन सी के साथ ढेरों पोषक तत्त्व का भंडार है। बहुतों प्रकार की दवा इससे बनती है। च्वणप्राश में ,खांशी ,कफ में फायदेमंद है।
हमारे रसोईघर में इसके अचार,चटनी मुरब्बे और न जाने कितने ब्यनजन बनते हैं। कहां जाता है जहां आंवला का वृक्ष होता वहां दुख दरिद्रता नही रहती है। यह पौधा हमें हर आपद-विपद से बचाता है। इसके गुणों को देखते हुए क्यों न एक आंवला लगा ली जाए।
(१) कैसे लगाए- आंवला को बीज से या एयर लेयरींग से आसानी से लगा सकते हैं। नर्सरी से हाईव्रिड लाकर लगा सकते हैं। हाईव्रिड में फल बड़े आते हैं और जल्दी आते हैं। यहां मैं बता दूं छोटे फल वाले आंवले अधिक पौष्टिक होते हैं।
(२) यह हर पत्रकार की मिट्टी में लगा सकते हैं। गमले में लगानी होगी तब हाईव्रिड ही लें। गमले की मिट्टी में रेत, गोबर खाद और पत्ते की खाद तीनों मिलाकर पचास प्रतिशत रखें।
(३) धूप चाहिए इसका ध्यान रखें।
(४) पानी-पानी दें लेकिन रूके नहीं। पन्द्रह मार्च से पन्द्रह अप्रिल इसमें फूल आते इस समय पानी कम दें। मई जून इसका आराम करने का समय रहता है इस समय खाद न दिया करें।बरसात के बाद जुलाई में खाद दिया करें।
(५) खाद- गोबर तथा प्रत्येक की खाद के अलावा आप इसे यूरिया ,डी ए पी और पोटाश दिया करें
हमारे रसोईघर में इसके अचार,चटनी मुरब्बे और न जाने कितने ब्यनजन बनते हैं। कहां जाता है जहां आंवला का वृक्ष होता वहां दुख दरिद्रता नही रहती है। यह पौधा हमें हर आपद-विपद से बचाता है। इसके गुणों को देखते हुए क्यों न एक आंवला लगा ली जाए।
(१) कैसे लगाए- आंवला को बीज से या एयर लेयरींग से आसानी से लगा सकते हैं। नर्सरी से हाईव्रिड लाकर लगा सकते हैं। हाईव्रिड में फल बड़े आते हैं और जल्दी आते हैं। यहां मैं बता दूं छोटे फल वाले आंवले अधिक पौष्टिक होते हैं।
(२) यह हर पत्रकार की मिट्टी में लगा सकते हैं। गमले में लगानी होगी तब हाईव्रिड ही लें। गमले की मिट्टी में रेत, गोबर खाद और पत्ते की खाद तीनों मिलाकर पचास प्रतिशत रखें।
(३) धूप चाहिए इसका ध्यान रखें।
(४) पानी-पानी दें लेकिन रूके नहीं। पन्द्रह मार्च से पन्द्रह अप्रिल इसमें फूल आते इस समय पानी कम दें। मई जून इसका आराम करने का समय रहता है इस समय खाद न दिया करें।बरसात के बाद जुलाई में खाद दिया करें।
(५) खाद- गोबर तथा प्रत्येक की खाद के अलावा आप इसे यूरिया ,डी ए पी और पोटाश दिया करें
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