पपीता आसानी से उगाया जानेवाला फल है जो हमारे लिए बहुत फायदेमंद है। इसे हर पत्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है। इसकी बहुत सी किस्में है-- पूसा जेंट, पूसा नन्हा, पूसा मैजेस्टो, पूसा डीलीसोयश इत्यादि।
(१)बीज से पौधे-- अगस्त में बीज को पौट में या सीधे जमीन में लगा दें।
जब पौधे बीस पच्चीस सेंटीमीटर के हो जाए तब इन्हें अक्टूबर - नवम्बर में खेत में लगाए। एक साथ पांच - सात पौधे लगाए। पपीते में नर और मादा प्लान्ट अलग - अलग होते हैं। पौधे को देखकर नहीं पहचाना जा सकता नर है या मादा। इसकी पहचान फूल आने पर ही हो सकती है। तीन चार मादा पौधे पर कम से कम एक नर पौधे होने चाहिए। अगर अधिक नर ही निकल जाए तो उन्हें हटा दें।
(२) कैसे लगाए-- पौधे को१५ गुणा १५ सेटीमीटर की दूरी पर लगाए।
(३) गढ़े -- गढ़े का आकार ६० गुणा साठ गुणा साठ रखें।
(४) खाद-- गढ़े में सड़ी खाद या कम्पोस्ट दस किलो, एक किलो खल्ली डालकर गढ़े को भरकर बीस - पच्चीस दिनों के लिए छोड़ दें।फिर पौधे लगाए।
(५) धूप -पानी- पपीता को धूप चाहिए। पानी आवश्यकता अनुसार दें।
(६) खाद-- फरवरी-मार्च मार्च में २०० ग्राम यूरिया, ३०० ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट, १५० ग्राम पोटाश दें। दुबारे बरसात में इसी खाद की इतनी ही मात्रा दें।
(१)बीज से पौधे-- अगस्त में बीज को पौट में या सीधे जमीन में लगा दें।
जब पौधे बीस पच्चीस सेंटीमीटर के हो जाए तब इन्हें अक्टूबर - नवम्बर में खेत में लगाए। एक साथ पांच - सात पौधे लगाए। पपीते में नर और मादा प्लान्ट अलग - अलग होते हैं। पौधे को देखकर नहीं पहचाना जा सकता नर है या मादा। इसकी पहचान फूल आने पर ही हो सकती है। तीन चार मादा पौधे पर कम से कम एक नर पौधे होने चाहिए। अगर अधिक नर ही निकल जाए तो उन्हें हटा दें।
(२) कैसे लगाए-- पौधे को१५ गुणा १५ सेटीमीटर की दूरी पर लगाए।
(३) गढ़े -- गढ़े का आकार ६० गुणा साठ गुणा साठ रखें।
(४) खाद-- गढ़े में सड़ी खाद या कम्पोस्ट दस किलो, एक किलो खल्ली डालकर गढ़े को भरकर बीस - पच्चीस दिनों के लिए छोड़ दें।फिर पौधे लगाए।
(५) धूप -पानी- पपीता को धूप चाहिए। पानी आवश्यकता अनुसार दें।
(६) खाद-- फरवरी-मार्च मार्च में २०० ग्राम यूरिया, ३०० ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट, १५० ग्राम पोटाश दें। दुबारे बरसात में इसी खाद की इतनी ही मात्रा दें।
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